Sunday, September 16, 2012

तू है कहाँ

राह पर साथ मेरे बन तू हमराही
हाथ थाम तू बन मेरी माही
बन हमकदम तू चल साथ मेरे
बन हमराज़ तू चल साथ मेरे

बहुत हुआ जीवन में जीना अकेले
जीवन के पलों में हँसना अकेले
थाम तू मेरा हाथ तू चल साथ मेरे
बसा मेरा नया संसार जीवन में मेरे

चाहूँ मैं अब जीना संग तेरे 
चाहूँ अब तू ही ये जीवन सँवारे
है खोई कहाँ तू इस संसार 
चाहूँ तेरी छवि जो बसे मेरे ह्रदय में 

बैठ अकेले अब तकता हूँ राह तेरी
कब आएगी तू जीवनसंगिनी बनने मेरी
चाहूँ देखना तुझे बस अब जीवन भर
संग तेरे करना चाहूँ मैं ये जीवन बसर||

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