Thursday, September 20, 2012

यादें पुरानी

बैठा तन्हा दिल की किताब खोलकर
पलट रहा हूँ कुछ पन्ने उसके
कुछ यादें पुरानी आयी सामने मेरे
कुछ तसवीरें फिर आई नज़र 

उन तस्वीरों में कहीं दबी है 
उन यादों में कहीं दबी हैं
एक याद, एक तस्वीर तुम्हारी
कसक जिसकी जवाँ है इस दिल में

यादें जो जुडी हैं तुझसे 
पल वो जो साथ बीताये तेरे
आज भी याद हैं मुझे हर वो लम्हा
जो गुजरा तुझे ले कर बाहों में 

आज भी कसक जवाँ है इस दिल में 
एक खलिश सी आज भी है इस दिल में
सोचता हूँ कैसे तुझे ले बाहों में
फ़र्ज़ अदा करूं वालिद का

दूरियां ये तुझसे है मेरी मजबूरी 
तन्हाई बसर करती है ज़िन्दगी में मेरी
बेटी है तू मेरी अपनी इतनी प्यारी
फिर भी किस्मत में लिखी है ये दूरी||

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