Friday, September 14, 2012

आज जाने की जिद्द ना करो

आज यूँ जाने की जिद्द ना करो
कि राहे ज़िन्दगी से यूँ जुदा ना करो
कल की सुबह किसने देखी है 
कल तुम शायद हमें ना पहचानो

कि आज जाने की यूँ जिद्द ना करो
हमें अपनी जुल्फों के साए से यूँ दूर ना करो

बेताब बड़ी है ज़िन्दगी आज की रात
कि आज की रात को यूँ जाया ना करो
ता उम्र हमें अब रहना है तन्हा
आज की रात हमें यूँ तन्हा ना करो

कि आज जाने की यूँ जिद्द ना करो
हमारी मोहब्बत को यूँ बेज़ार ना करो

खामोश खड़े यूँ हमें बेगैरत ना करो
कि मोहब्बत को हमारी ये सिला ना दो
बिन तुम्हारे खामोश गुजरेगी ज़िन्दगी हमारी
आज की रात को खामोश ना जाने दो

कि आज जाने की यूँ जिद्द ना करो
क्या खबर कल तुम इस ओर रुख ना करो
कि आज यूँ जाने की जिद्द ना करो
हमारी राहे ज़िन्दगी को हमसे यूँ जुदा ना करो||

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