Tuesday, September 25, 2012

Today's Dusk

When the dusk approached today
I was thinking of you, what to say
My thoughts took me to the time
When your chatter was lyrical rhyme
They took me to the time in past
When your love made me breath my last

When the dusk approached today
I was missing you to my utter dismay
The moment made me wonder
What is left for me to ponder
You have already gone away for ever
We are going to meet now never

When the dusk approached today
I was feeling the heat of month of may
Now when I have learned to live
Now that I have learned to give
Why is that feeling of your love
Mesmerizing me in my mind's cove


Monday, September 24, 2012

चंद मुक्तक

राजनीति के अखाड़े में मिले कुछ नेता
मिल कर वो बन गए देश के क्रेता
कहते हैं आज वे खुद को भारत माँ के पूत
घोटालों का नाम ले बन गए अशांती के दूत||
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काल का ग्रास बना है आज मेरा देश
दानव घूम रहे यहाँ ले कर मानव का भेष
हर ओर आज फैला रहे वे घोर क्लेश
निकाल रहे मानवता से वो अपना द्वेष||
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जीवन में एक समय था जब कोयले से जलता था चूल्हा
आज विवाह में माँग रहा कोयला देश का हर दूल्हा
था एक समय जब देश में था चलता राज तंत्र
आज समय के चक्र में चलता है सिर्फ भ्रष्टाचार का यन्त्र||

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था एक समय जब था मेरा देश महान
आज देश का नागरिक है सिर्फ नेताओं का जजमान
बाँट दिया है देश को राज्य, भाषा और धर्मं से
नहीं जाना जाता एक भी नागरिक अपने कर्म से||

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खेलों में शीर्ष स्थान दिलाता है धन और धान्य
चौकों और छक्को से होती धनवर्षा
सीमा पर गोलियों से जब होता छलनी जवान
उसके घर में होती है सिर्फ फांकों की हर्षा||

Sunday, September 23, 2012

नेताओं की अठखेलियाँ

चंद नेता चंद बोलियाँ 
देखो संसद में इनकी अठखेलियाँ
ना इनकी कथनी में दम है
ना दम है इनकी करनी में

पांच साल में ये एक बार दिखते
घर घर आते वोट मांगते
झुक झुक कर नमस्कार करते
देश की तरक्की का दावा करते

जीत कर जब ये सरकार बनाते
घोटालों की फेरहिस्त बनाते
भर भर झोली नोट कमाते
नोट कमा विदेश ये जाते

ना इन्हें कोई लाज है 
ना ही इन्हें कोई क्षोभ है
पांच साल के समयकाल में
ये कमाते जो कमाते हम जीवन में

देखो इन नेताओं की अठखेलियाँ
सुनो इनकी शर्मनाक बोलियाँ
सोचते ये होती जनता अज्ञानी
यही हैं जो हैं सर्वज्ञानी||

Saturday, September 22, 2012

राजनीतिक अराजकता

कुछ कथनी कुछ करनी का है ये फेरा
राजनीति में आज पड़ा है नासमझों का डेरा
कोयले की दलाली में किये इन्होने हाथ काले
इंधन का भाव बढ़ा, पड़ गए खाने के लाले

फिर हुई कुछ इस प्रकार की हलचल 
दीदी ममता तक गई मचल
त्याग मोह सत्ता का, किया ऐसा फेरबदल
की मुलायम ने सरकार के लिए ध्वनि करतल

उधर विपक्ष ने भी मचाया बड़ा बवाल
कर भारत बंद का आह्वान किया प्रग्रती को बदहाल
मचाया शोर और बनाया वित्त प्रबंधन का जंजाल
फिर भी कर नहीं पाए वो कोई बड़ा कमाल

प्रधान मंत्री कह गए नहीं उगता पैसा पेड़ो पर
विपक्ष ने लगा दिया कुप्रभंधन का आरोप उनपर
सुर बदल बदल हर एक राज नेता फिर बोला
शिंदे महोदय ने भी अपना मुंह खोला

कह गए बड़े और बूढ़े हमको समझाने को
जो कुछ बोलो सोचा समझा बोलो
कोई ये बात समझाओ इन राजनेताओं को
देश हित में चुप थोडा रहना सीखो अरे ओ बड़बोलों||

कन्या भ्रूण हत्या

Few Lines Written to Oppose the Female Foeticide.....They may sound a bit haphazard, but they are the feelings that make me respect Women and Support the Cause to be Against Female Foeticide.



अम्बा, अम्बे, अम्बालिके
गौरी, सती, पार्वती
महालक्ष्मी, सरस्वती, सावित्री
ये सभी भी तो हैं देव स्वरुप स्त्री
इनकी जब करते पूजा
क्यों करते इनके रूप की भ्रूण ह्त्या
सत्य के इस तथ्य को मानो 
स्त्री के हर रूप को पहचानो
बिन स्त्री है पुरुष अधूरा
बिन स्त्री नहीं उसका अस्तित्व पूरा||
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नारी है जननी, 
नारी ही भगिनी, 
नारी है भार्या, 
नारी ही पुत्री 
बिन उनके ना है पुरुष का अस्तित्व 
ना ही उसका पुरुषत्व 

इंतज़ार-ऐ-पैगाम

बहुत इंतज़ार किया उनके पैगाम का
पैगाम आया भी वक़्त गुजरने के बाद
हसरतें बहुत जागी उनसे मिलने की
वो आये भी तो मय्यत निकले के बाद

ना जाने बेरहम वो किस कदर हो गए
हमारे इश्क को बेगैरत कर गए
ना जाने मगरूर किस खुमारी में हुए
कि हमारी चाहत को जार जार कर गए

इनाएतें तो बहुत पढ़ीं उनके दीदार को
मगर दीदार हुआ भी तो हमारी कब्र के पास
मिन्नतें बहुत की उनके साथ की
उनका साथ भी मिला हमारे जनाजे के पास

कि किया बहुत इंतज़ार उनके पैगाम का
हसरतें भी पाली उनके दीदार की
पर ना जाने कि खुदा के मुरीद वो हुए
कि हमारे जनाजे पर कलमा पढने वो आए||

When You Love Somebody

When you love Somebody
make em feel the pulse of love
When you love somebody
show em your emotions
express with your actions

When you love somebody
select the words to express your love
be patient to never say now
When you love somebody
be careful not shoddy

When you love somebody
tell em directly
When you love somebody
never stop abruptly
approach them ever so slowly

When you love somebody
make em feel the pulse of love
show em your emotions 
express with your actions
to not rue the lost chances




Friday, September 21, 2012

One More Time - A Request

Please don't come in front of me one more time
Please don't cross my path one more time
Please don't shake my thoughts by taking me name
Else it will be tough for me to forget you

Please don't look at me one more time
Please don't give that sweet smile one more time
Please don't call my name even in dreams
Else it will be tough for me to forget you

Please don't stop being what you are
Please don't shed the charming ways you have
Please don't stop smiling ever in life
Just that don't come in front of me one more time

Please don't come in front of me one more time
Please don't smile at me one more time
Please don't shake my thoughts one more time
Else it would be tough for me to stop loving you
.....................................and I would fall in your love one more time

देश की पुकार

आज मुझे मेरा देश पुकारे 
कहे मुझसे तू मेरे पास मेरे दुलारे
जुड़े मुझसे उस अमिट इतिहास को देख
देख तू इसमें बसी पित्रादर की छाया
सुन तू प्रेम की मधुर वो झंकार
सुन तू अम्बर में छाए मेघों का मल्हार

मेरा देश मुझे रह रह पुकारे 
कहे बरखा की बूंदों के सहारे
निहारता था जहां मानस खेत खलिहान
धरा वो आज हो रही लहुलुहान
देख कितना पतन हुआ राजनीति में
कर रहे समय व्यर्थ भ्रष्ट नीतियों में

कहे मुझसे देश आज ये मेरा
चूका तू ऋण राज वो तेरा
जिस धरा पर जो तुने जन्म लिया
जिस धरा पर तुने कर्म किया
आज उस धरा का है तुझे ऋण चुकाना
संसद की अभद्रता से है उसे बचाना

कहे मुझसे मेरा देश यूँ आज
बचा तू भारत माँ की लाज
उछ्रंखल हुए लाल जिसके
कर रहे जो तुकडे इसके
धर्म जात की कर रहे राजनीति
राष्ट्र हित नहीं जिनकी नीति

कहे मेरा देश आज ये मुझसे
धन धन्य धरा का है तुझे बचाना
घर घर में हो हर कोई स्वदेशी
ना बन जाए यहाँ का बच्चा बच्चा विदेशी
पर राष्ट्र में जो धन मेरा पड़ा है
उसे ला देश हित का धर्म निभा

कहे मेरा देश आज कुछ ऐसा
राष्ट्र धर्म से नहीं बड़ा है पैसा||

Thursday, September 20, 2012

यादें पुरानी

बैठा तन्हा दिल की किताब खोलकर
पलट रहा हूँ कुछ पन्ने उसके
कुछ यादें पुरानी आयी सामने मेरे
कुछ तसवीरें फिर आई नज़र 

उन तस्वीरों में कहीं दबी है 
उन यादों में कहीं दबी हैं
एक याद, एक तस्वीर तुम्हारी
कसक जिसकी जवाँ है इस दिल में

यादें जो जुडी हैं तुझसे 
पल वो जो साथ बीताये तेरे
आज भी याद हैं मुझे हर वो लम्हा
जो गुजरा तुझे ले कर बाहों में 

आज भी कसक जवाँ है इस दिल में 
एक खलिश सी आज भी है इस दिल में
सोचता हूँ कैसे तुझे ले बाहों में
फ़र्ज़ अदा करूं वालिद का

दूरियां ये तुझसे है मेरी मजबूरी 
तन्हाई बसर करती है ज़िन्दगी में मेरी
बेटी है तू मेरी अपनी इतनी प्यारी
फिर भी किस्मत में लिखी है ये दूरी||

Wednesday, September 19, 2012

सिला

करते रह गए हम वफ़ा उनसे 
कर गए वो ज़फ़ा हमसे 
ना उफ़ निकली हमारी जुबां से
ना हमने कभी किया गिला उनसे

कि करके वफ़ा मिली उनसे ज़फ़ा
सिला मिला ये हमें हमारी मोहब्बत का
नाशुक्रे बनकर वो हमें बेज़ार कर गए
बेजुबान बन हम बस देखते रह गए

हम ख्वाब यह देखते रह गए
कि आशियाँ उनकी जुल्फों में बनाएंगे 
वो तो काफ़िला उठा कर चले गए
और हम खामोश खड़े बस देखते गए

ज़ुत्सजु आशिकी की हमारी
हमें बेगैरत कर गयी
उनकी डोली को कंधा हम दे आये
पर वो हमारे जनाज़े पर नहीं आई||

Beyond Time's Haze

When I see beyond the time's haze
all that comes to my gaze
is the truth of my life that I lived
all that from the past I derived

I see the glimpse of love and hate
I see the time lost to date
When I see at the time bygone
I find all the rules that were pressed on

When I try to look at the glimpses of love
I don't see you as my dove
though you were always there for me
you never proved yourself to be the key

When I try to look at the glimpses of hate
all I find spill over to date
though you were there always as my hope
but you never let me catch the hanging rope

When I see beyond time's haze
I see the glimpses of love and hate at gaze
all I see is the truth of life I lived
all I see is not right to be believed

Tuesday, September 18, 2012

Heart's Voes - Abstract Poem

My Heart wants to Cry Tonight
It doesn't feel anything other than twilight
I try to make it see the what it might
Try to tell it that the future certainly is bright

My Heart today Resigned to Destiny
It has gone on to declare the Mutiny
Leaving the others of its kind
It has started behaving like a mind

My Heart today wants to rest
It doesn't want to feel any zest
It says stop me bugging you pest
It wants to dwell in a peaceful nest

What do I now tell my heart
It behaves as it has missed its' cart
It was hit by the loves' dart
To find itself hanging at a mart

How do I tell my heart to not cry
how do I tell my heat just to try
To try and beat up normal 
Just do its work as usual and formal?

Sunday, September 16, 2012

तू है कहाँ

राह पर साथ मेरे बन तू हमराही
हाथ थाम तू बन मेरी माही
बन हमकदम तू चल साथ मेरे
बन हमराज़ तू चल साथ मेरे

बहुत हुआ जीवन में जीना अकेले
जीवन के पलों में हँसना अकेले
थाम तू मेरा हाथ तू चल साथ मेरे
बसा मेरा नया संसार जीवन में मेरे

चाहूँ मैं अब जीना संग तेरे 
चाहूँ अब तू ही ये जीवन सँवारे
है खोई कहाँ तू इस संसार 
चाहूँ तेरी छवि जो बसे मेरे ह्रदय में 

बैठ अकेले अब तकता हूँ राह तेरी
कब आएगी तू जीवनसंगिनी बनने मेरी
चाहूँ देखना तुझे बस अब जीवन भर
संग तेरे करना चाहूँ मैं ये जीवन बसर||

Saturday, September 15, 2012

Happy B'day Aarav

Today is the day when he was born
He made me feel special 
He made me feel like I was reborn
This day rechristened me as the Father

I saw him grow from a little tiny baby 
I saw him grow taller and brighter
He made me feel once again young
I felt like living my childhood once again

Today I celebrate his birthday
Recalling the moments we spend together
Recalling the way we share our experiences
Recalling the way he teaches me true meaning of joy

My Lil Son is now a Grown up Lad
He means world to me, to me he means a lot
For he marked the essence transformed me
He transformed me from an ordinary man to a Father

Happy B'day Aarav 
____________________________________________________________

Note: the poem has been written on Behalf of a Father for his Son. 







When you are Sad

When you are sad, just go out there
see that darkness looming on their life
see the tough life they live in day to day
but still are happy taking a shower in the rain

When you are sad, just see their ways
the ways they toil everyday to earn
the ways they toil to make their ends meet
but still are happy living their life day by day

When you are sad, just close your eyes
feel the life you are living with comfort
feel the facilities you have in your life
feel the way you can enjoy your life better

When you are sad, just look down below
that will help you learn the ways to live your life
that will help you learn the basics 
to enjoy the tiniest moments of your life

कुसूर-ऐ-दिल

कुसूर क्या है दिल का
कि दर्द में इस कदर डूब जाता है 
जिस दिल में कभी वो बसा करते थे
आज वहां तन्हाई बसर करती है

शिकवा गर हम कभी करें तो क्या करें
शिकवा गर हम उनसे करें तो क्या करें
कि दर्द दिल में उनके भी कुछ इस कदर है
सिर्फ वो अपनी जुबां से बयान नहीं करते

चाहते तो हम आज भी हैं उन्हें 
कि चाह कर भी उन्हें रुसवा नहीं कर सकते
दर्द को अपनी किस्मत मान कर
हम ज़िंदगी बसर कर लेंगे

गर रुख उन्होंने मोड़ा है हमसे आज
तो इसे अपनी खता का सिला मान लेंगे
मोहब्बत परवान ना चढ़ी तो क्या
हम मोहब्बत के बगैर जीना सीख लेंगे

ऐ ज़िन्दगी गम को किस्मत हम मान
ता उम्र तन्हा तेरे साथ जी लेंगे
दास्ताँ जो उनसे ना कह सके हम कभी
संग तेरे हम उसे बिसार देंगे||

धरा पर राज करते चोर

मेरे देश में देखो कितने भरे चोर
यहाँ बिन बरसात भी नाचे हैं मोर
चारो ओर बस एक ही शोर
घोर कलयुग है कलयुग है ये घोर

कहीं है मैडम, तो कहीं दीदी
तो कहीं है अम्मा का बोलबाला
राज में इनके देखो देश को
हर कोई कर रहा इसे सिर्फ खोखला

चारो ओर आज बसे हैं चोर
हर ओर बस एक ही शोर
भ्रष्ट है बाबू भ्रष्ट ये नेता
हर कोई अपनी है जेब भरता

पूरब पश्चिम उत्तर दक्षिण
हर दिशा में है बस अब एक ही शोर
मेरे देश में आज हर तरफ
दिखते हैं केवल चोर ही चोर

लुट रही है इस धरा की धरोहर
लूटेरों के कृत्य से है ये धरा सराबोर
हर और आज गूँज रहा बस यही शोर
इस धरा पर राज कर रहे हैं चोर||



Death by Chance

Is is death just by chance
or is it destiny's dance
or is it that I am in a trance
for just being in love with you

Is it your love's essence
that marked your presence
filled my heart's void and null
filled my life that was dull

Is it the absence of your love
is it that you no more my dove
is it that you have moved on
is it that you have forever gone

Is it your departure that broke me
or is it just that I am missing you
is it just the void that you created
that is making me feel dead
...................and away from life






Friday, September 14, 2012

शुक्रिया

शुक्र अदा करते हैं आपकी नजाकत का
कि दिल ही दिल में मोहब्बत तो करते हैं
मगर इकरार-ऐ-मोहब्बत का पैगाम 
आप अपनी नज़रों से भिजवाते हैं

शुक्र अदा करते हैं आपकी नज़रों का
कि नज़र-ऐ-इनायत तो करती हैं
हया के परदे में छुपा आपकी चाहत को
एक इकरारनामा भिजवाती हैं

शुक्र अदा करते हैं आपकी हया का
कि आपकी खूबसूरती को बेपर्दा नहीं करती
हया के बहाने ही सही 
आप खुदा की बंदगी तो करती हैं

शुक्र अदा करते हैं आपकी नजाकत को
शुक्र अदा करते हैं आपकी हया को
कि आपकी हया इश्क के लफ़्ज़
नजाकत भरी निगाहों से बयां करती है||

आज जाने की जिद्द ना करो

आज यूँ जाने की जिद्द ना करो
कि राहे ज़िन्दगी से यूँ जुदा ना करो
कल की सुबह किसने देखी है 
कल तुम शायद हमें ना पहचानो

कि आज जाने की यूँ जिद्द ना करो
हमें अपनी जुल्फों के साए से यूँ दूर ना करो

बेताब बड़ी है ज़िन्दगी आज की रात
कि आज की रात को यूँ जाया ना करो
ता उम्र हमें अब रहना है तन्हा
आज की रात हमें यूँ तन्हा ना करो

कि आज जाने की यूँ जिद्द ना करो
हमारी मोहब्बत को यूँ बेज़ार ना करो

खामोश खड़े यूँ हमें बेगैरत ना करो
कि मोहब्बत को हमारी ये सिला ना दो
बिन तुम्हारे खामोश गुजरेगी ज़िन्दगी हमारी
आज की रात को खामोश ना जाने दो

कि आज जाने की यूँ जिद्द ना करो
क्या खबर कल तुम इस ओर रुख ना करो
कि आज यूँ जाने की जिद्द ना करो
हमारी राहे ज़िन्दगी को हमसे यूँ जुदा ना करो||

Tonight

Now that you have decided to part the ways
Please don't waste time in arguments
Let tonight be the memorable night for me
Please don't be stubborn tonight

Now that I have to live life on my own
Please don't tell me to forget you
Let me see you for the last time tonight
Please don't force me to let you go

Now that I have to let you go off my life
Please don't force me to forget you
Let tonight be the best of all the nights of my life
Please don't force me to live tonight

Now that you have decided to part the ways
Now that you have decided to forgo my love
Now that you have decided to exit from my life
Please let tonight be the last night of my life

Thursday, September 13, 2012

भिखारी का प्रश्न

बाज़ार में घुमते घुमाते मिला मुझे एक भिखारी 
देख मुझे उसने खाने की लगाईं गुहारी 
पूछा मैंने उससे कि है क्या उसकी मंशा
वह बोला कि दो जून रोटी है उसकी अभिलाषा

बैठ पास उसके मैंने उसे समझाया बहुत
कर परिश्रम पाए पारिश्रमिक समझाया बहुत
था वह अपनी करनी पर अडिग
पूछ बैठा वह प्रश्न अत्यंत ही जटिल

ना मुझे कुछ सूझा ना मति ने कुछ सुझाया
ना ही मेरी बुद्धी में ने वह प्रश्न बुझाया
कुछ ऐसा तथ्य था उसके गूढ़ प्रश्न में
बहुत समय व्यतीत किया मैंने चिंतन करने में

प्रश्न कुछ ऐसा था उस भिखारी का
जुड़ा था कुछ सत्य उसमें नेताओं का
पूछा उसने मुझसे जो मैं पूछता हूँ सबसे
अंतर हुआ भिखारी और नेताओं में कब से

भीख मांगते हैं भिखारी भी दर दर जाकर
मत माँगते हैं नेता भी घर घर आकर
झोली भिखारी भी भरता अपनी मांग मांग कर
घर अपना ही बनाते ये नेता मत मांग मांग कर

प्रश्न है ये एक ऐसा गूढ़ जिसका उत्तर है जटिल
कार्यशेली तो एक सी है दोनों की किन्तु कार्यस्थली विभिन्न
कार्यक्षेत्र में है भिन्नता, किन्तु उद्देश्य एक ही
एक मांग कर भोजन खाता है, तो दूसरा मांग कर देश।।



Wednesday, September 12, 2012

देश की मांग

कहते हैं आज के ये नेता भर के अपनी झोली 
पेट भरने के लिए लगाओ 32 की बोली 
समझ नहीं आती मुझे इनकी यह पहेली 
सुन कर पक्ष उनके मेरी अंतरात्मा भी दहली 

खाने को जिस ग्राम में नहीं मिलती रोटी 
उस ग्राम के घर घर में मांगते ये मत की बोटी 
देते दिलासा दिखा के स्वप्न पंचवर्षीय कार्यकाल का 
नहीं होता फिर कभी उन्हें ध्यान उस ग्राम के हाल का 

मतदान करके नागरिक चुनते अपने नेता 
नेता भी ऐसे जो होते महान अभिनेता 
संसद के मंच पर जो करते मारा मारी 
बनते देशसेवा के नाम पर ये सब बलात्कारी 

रंगमंच बना है आज फिर ये देश मेरा 
देखो है फिर आया समय का वो फेरा 
मर्यादा लाँघ घोंटते गला ये पत्रकारिता का 
लगाते पर ये नारा संविधान की सेवा का  

बैठ सत्ता की कुर्सी पर या हो विपक्ष में 
नेता सकते अपनी ही रोटी जनता के जलते लहू में 
हुंकार लगता है ये देश आज तुमसे तुम सुन लो 
बदलाव की आंधी ला इनको तुम पाठ पढ़ा दो 

मांगता है बलिदान आज देश तुमसे
चाहता है देश की तुम अपना स्वार्थ त्यागो 
हुंकार है देश की अंहिंसा का तुम पथ अपनाओ 
देश हित में काज करो, भ्रष्टाचार को जड़ से उखाड़ो ।।



Monday, September 10, 2012

I live in a Nation

I live in a nation where Ganges is drying
I live in a nation where humanity is dying
I live in a nation where castism is ruling
I live in a nation where democracy is crying

The nation that was envisaged by heroes
The nation that once brought the zero
Today that nation is bleeding in autocracy
Today that nation is reeling in insurgency

Those who attack the nation are treated
Those who bring out the truth are muted
The nation where poverty is now a religion
Where fundamentalist thrive in every region

The law of the land is against it own citizen
They are trying to curb the media & netizen
Terrorists are pampered as national guests
Journalists are gagged with their own vests

I live in a nation where they want us deaf & dumb
I live in a nation where they want us to be blind
The nation that taught us to fight for freedom
Is the nation where we open our mouth very seldom

Sunday, September 9, 2012

Twilight

After the shades of the day
With the dusk clearing moon's way
Twilight approaches the horizon
When Darkness brings its covers down
Life takes a new turn for us
It prepares for a new dawn to come

Time of twilight gives us a message
To deal with troubles in life's passage
It teaches us to bury the burden of dead
It teaches us the path where our life's to be led
Deep in the darkness lies the fact of twilight
Learn the lesson as get benefited you might

Learn the reason to leave the burden of dead
Relations are what twilight has referred
March with the time is what it teaches
Come over the past is what it preaches
Twilight it might be for your stage of life
Take the learning and don't let it leach you with knife

Come over the shades of relations 
Let the darkness play its role
For the twilight of the dead relation
Don't mar the life in the prison
Twilight is not just at the dusk you know
It does hit the time of dawn for darkness to bow

Friday, September 7, 2012

सरकार की बिजली की माया - प्रथम प्रयास


चला जब में जीवन डगर में 
दिखा सर्व ओर अँधियारा मुझे
तभी दिखी दूर मुह्जे रौशनी
बढ़ चला में उसी दिशा में

पास पहुँच देखा मैंने 
रौशनी थी वहाँ लालटेन की
चारो ओर उसके थे बैठे बच्चे
पढ़ रहे थे अपने पाठ

जो पूछा मैंने उनसे क्या है उनका ध्येय
बोला एक नन्हा मुझसे
दिन में करता हूँ मैं खेतों में काम
रात मास्टरजी से मैं लेता हूँ ज्ञान

विस्मित कर गयी मुझे उसकी बात
खड़ा सोच रहा था मैं यही
कि सनाढ्य घरों में बच्चे
करते हैं कुछ अलग ही 

सोचो तो जीवन का है ये कैसा खेला
एक घर जिसमें है धन वैभव
रौशनी से तो है भरा-भरा
किन्तु ज्ञान का वाहन अभाव है

दूजा घर जिसमें नहीं खाने को दाना
ना है उस घर में धन धान्य
बच्चा उस घर का है कितना धनी
कि ज्ञान सागर में है हिचकोले खाता

क्या यही थी धारणा मानव की
कि बनी कवाहत कुछ ऐसी
कि खिलता है कीचड़ में ही कमल
साफ़ पानी में हम झक मारते हैं

वाह रे सरकार तेरी माया निराली
जिसे चाहिए उसे नहीं मिलती बिजली||

सरकार की बिजली की माया

चला जब में जीवन डगर में 
दिखा सर्व ओर अँधियारा मुझे
तभी दिखी दूर मुह्जे रौशनी
बढ़ चला में उसी दिशा में

पास पहुँच देखा मैंने 
रौशनी थी वहाँ लालटेन की
चारो ओर उसके थे बैठे बच्चे
पढ़ रहे थे अपने पाठ

जो पूछा मैंने उनसे क्या है उनका ध्येय
बोला एक नन्हा मुझसे
दिन में करता हूँ मैं खेतों में काम
रात मास्टरजी से मैं लेता हूँ ज्ञान

विस्मित कर गयी मुझे उसकी बात
खड़ा सोच रहा था मैं यही
कि सनाढ्य घरों में बच्चे
करते हैं कुछ अलग ही 

सोचो तो जीवन का है ये कैसा खेला
एक घर जिसमें है धन वैभव
रौशनी से तो है भरा-भरा
किन्तु ज्ञान का वहाँ है अभाव

दूजा घर जिसमें नहीं खाने को दाना
ना है उस घर में धन धान्य
फिर भी रात के अँधेरे में
दिखा मुझे वहाँ ज्ञान प्रकाश

वाह रे सरकार तेरी माया निराली
जिसे चाहिए उसके घर नहीं बिजली
क्या तुम मार रहे हो पानी में झक
देखो वहाँ कीचड़ में खिल रहा है कमल 

कचरा बीनता, हल चलाता देखो बालक
रात के अँधेरे में पा रहा ज्ञान प्रकाश
वहाँ सोने के पालने में पलता वो धनी
खो रहा अपने पुरखों का धान्य

Success and Failure

Over the edge of success
Lies the fact of life
Over the edge of failure
Lies the Fact of knowledge

People weigh the life with success
Forgetting the worth of a failure
People hail the success
Forgetting the role of Failure

Its the failure that paves the way for success
Its the failure that teaches things not to do
Its the failure that makes us brave
Failure is no the sign of Losers

Success may be marked as the milestone
Failure is the journey of life
Success just lasts for the moment
Moments of failure build us strong

If we want to embark the glory of success
We need to hold our esteem during failure
Success can't be achieve until we learn
The things that are not right to do

बेमुरव्वत

और भी हैं दुनिया में गम
फिर भी दिल तेरे गम में है डूबा
और भी हैं चाहतें हमारी
फिर भी हम तेरी चाहत से जुदा हैं

ना जाने कौन सी कायनात में रहते हैं
कि हर पल तेरे ही वजूद का एहसास है
ना जाने किन पलों में खोये रहते हैं
कि हर पल में तेरा ही जज्बा है

ख्वाबों ख्यालों में तेरी तस्वीर है
इन निगाहों को भी तेरी तवज्जो है
एक तू ही है इस जहाँ में ऐ बेवफा
जिसके प्यार में कातिल है ये दिल

जाने क्यों ये दिल है तुझपे फ़िदा
जाने क्यों होता है ये बेज़ार
जाने क्यों फिरता है ये बेगार
जान कर भी कि है तू बेवफा

क्यों मरता है ये तेरी कातिलाना अदाओं पर
जान कर भी कि तू है बेवफा
और भी हैं दुनिया में गम
फिर भी दिल तेरे गम में है डूबा

Wednesday, September 5, 2012

Love's Melodrama

Waging the War of Survival 
Wading through Life's tough Water
I had landed on the shore of your love
You made me feel you are my Dove

Turbulence of life seemed to be over
Situations no more were of a loser
You were so up close and kind
You were always there for me to find

Moments turned to hours and hours to days
I kept sinking to your lovely ways
You made me feel wanted in love
You made me realize the feel of love

Just when I felt I started winning the war
Cam out from nowhere a Czar
The tide it brought swept away the sand 
I was left drawing far away from the land

There I saw you going away from me
Turning your sight away from me
You behaved like you were just another pawn
Came in just to mow the lonely lawn

I was once again left stranded in water
Again thrown to the ocean with no charter
There again start my War to Survival
Once again left behind life for life's revival

आशियाँ

तिनका तिनका जोड़ आशियाँ जो बनाया था
तेरी जुल्फों के साये में जिसे सजाया था
अपने खून-ऐ-जिगर से जिसे बनाया था
वो आशियाँ सरे राह बेज़ार हो गया

कि सरे राह तू क्या मिली आज
तेरे दीदार से फिर भी ये दिल नाखुश था
नज़रें तेरी उठी तो हमारी ओर
पर उनका रुख हमारी ओर ना था

तिनका तिनका जोड़ आशियाँ जो बनाया था
तेरी बेरुखी के साये में आज पड़ा है
तेरी निगाहों के इकरार से जो बनाया था
तेरे दीदार के तसव्वुर में कहीं खड़ा है

कि खता थी हमारी ही शायद कोई 
नादान परिंदे कि तरह कैद हो गए हम
पैगाम था शायद तेरा कुछ और ही
पैगाम-ऐ-मोहब्बत हम जान बैठे

तिनका तिनका जोड़ आशियाँ जो बनाया था
तेरी जुल्फों के साये में जिसे सजाया था
अपने खून-ऐ-जिगर से जिसे बनाया था
वो आशियाँ सरे राह बेज़ार हो गया



Tuesday, September 4, 2012

अल्फाज़

अल्फाज़ ऐसे कुछ होते हैं
कि दिल को जो छू जाते हैं
कुछ दिल में बस जाते हैं
तो कुछ फांस बन चुभ जाते हैं

अल्फाज़ ऐसे ही कुछ उन्होंने कहे
कुछ ऐसे जो हमें अच्छे लगे
कुछ ऐसे जो हमें चुभ गए
उनकी तस्वीर तक बखेर गए

पर क्या करें शिकवा हम उनसे
कैसे पूछें उनसे अपनी खता
ना हम उनसे हुए कभी रूबरू
ना वो हमसे हुए कभी मुखातिब

कैसे कहें उनसे कि अल्फाज़ उनके
रुसवा कर गए हमारे अहसास
कर गए वो हमें ग़मगीन
कैसे कहें उनसे कि हम बेज़ार हो गए

ना उन्हें बेदर्द कह सकते हैं हम
ना कह सकते हैं बयान हाल-ऐ-दिल
अल्फाज़ कुछ ऐसे कहे उन्होंने
कि बेजुबान वो हमें कर गए

Sunday, September 2, 2012

बेहया आँखें

बहती हैं बेहया ये आँखें, जाने किसको याद करके
जाने किसके गम में, रह गई में रुदाली बनके
जाने किस गली किस चौबारे फिर उनसे रूबरू है होना
आज का तो बस यही आलम है कि है रात दिन का रोना

ना जाने क्यों याद में उनकी है ये दिल तडपता
ना जाने क्यों याद में उनकी थमती मेरी साँसें
याद में उनकी आब-ऐ-तल्ख़ है बहता
ना जाने उनसे हमारा ऐसा कौन सा नाता

अब तो बस रहता हर पल यूँ ही उनका इन्तेज़ार
ना जाने कौन है वो जिसके लिए है ये दिल बेकरार
बहती हैं जिसके गम में बेहया से आँखें 
थमती हैं जिसकी याद में हमारी ये साँसें

Beautiful Mind

Sitting lazily under the open sky
Enjoying the breeze & beauty of nature
I was pushed to the nostalgic memories
The sweet & sour memories of life

Gliding through the innocent learning of childhood
Gazing past the mysterious adolescent age
I arrived at the footsteps of adulthood
The moments when hormones strike the chords

The moments of first flirt, the first crush
The moments of a beautiful first ever proposal
I closed my mind to feel those moments through my soul
I wondered at the treasure hidden in the mind

While I was lost in the memories of past
The brush of mild breeze reminded me of her
The one who reignited the spark of love in me
The one who made me believe in love once again

That breeze brought me back to the reality
Harshness of reality shook me up
Memories of recent happenings came through
Bitterness filled in for all those thoughts

The mind that was making me feel divine
Acted as the devil in disguise
Beauty of the mind disappeared for me
All that remained was destiny's evil plea

It made me wonder if its the Beautiful Mind
Or is it a devil of its own kind
I was sitting puzzled under the open sky
Beauty of nature now seemed to be evil's ploy

बेताब


अलफ़ाज़ तेरे होंठों पर जो नहीं आते
उन अलफ़ाज़ को सुनने को बेताब हूँ
चाहत तेरी नज़रों में जो दिखती है
उस चाहत के इकरार को मैं बेताब हूँ

तेरी जुल्फों में छुपी कायनात में
बसने को साथ तेरे, मैं बेताब हूँ
साथ तेरा गर मिले मुझे सरे राह
तो मैं हर राह चलने को बेताब हूँ

क़त्ल-ऐ-आम यूँ ना कर निगाहों से अपनी
कि मैं तो तेरी राह में सर होने को बेताब हूँ
फैला बाहें ले मुझे आगोश में तू अब
कि तेरे आगोश में मैं मरने को बेताब हूँ

कहने को शब्द नहीं

कहने को क्या कहें कि कहने को शब्द नहीं
बाहों में हम किसे लें, अपना कहने को कोई नहीं
देखते जिस ओर हैं, समय का दिखता फेरा
बढ़ें जिस ओर भी डगर पर दिखता काँटों का डेरा

जाएँ भी तो इस जहाँ में कहाँ जाएँ हम
स्वर्ग सी धरती पर भी नृत्य करती हिंसा
कहने को क्या कहें कि कहने को शब्द नहीं
धरती को जननी कैसे कहें जो पीती लहू का प्याला

किससे कहें और क्या कहें, हर किसी की है अपनी पीड़ा
हर मानस के काँधे पर है अपने परिजन का बीड़ा
देखूं जिस ओर आज लाश ढोता दिखता मानव
जिस दिशा मैं देखूं दिखता राज करता दानव

कहने को क्या कहें कि कहने को शब्द नहीं
बाहों में अब किसी लें कि कहलाने को अपना कोई नहीं
जाएँ भी तो इस जहां में कहाँ जाएँ हम
कि हर दिशा में निकल रहा है मानवता का ही दम

Saturday, September 1, 2012

कोयले की दलाली

भ्रष्ट नेता, भ्रष्ट कर्मचारी भ्रष्ट आज सारा देश है
भ्रष्टाचार में डूबी सरकार भ्रष्टाचार का लगा अम्बार
गौ चारा खाकर नेता बैठे अपने घर में
वीर जवानो की मौत पर भी जेबें अपनी भर गए
दूरभाष यन्त्र के तंत्र में भी मिला भ्रष्टाचार
और कोयले की दलाली में हाथ काले किये बैठी सरकार

हर ओर आज देखो भ्रष्टाचार का है बोलबाला
भ्रष्ट हुई आज की मधुबाला तोड़ अपनी वरमाला
जीवन भ्रष्ट, मौत भी भ्रष्ट कैसा है ये कष्ट
आज के इस युग में मानव हर आचरण भ्रष्ट
भ्रष्टाचार का नृत्य देख द्वंद्व मचा राजनीति में
भ्रष्टाचार आज है हर और समाचारों की सुर्ख़ियों में

एक अन्ना ने किया अनशन दूर करने को भ्रष्टाचार
आज उसी अन्ना के साथी सोच रहे बनाने को सरकार
सोच रहा होगा अन्ना भी कहीं बैठ किसी कोने में
क्या यही था उसका सपना कि नाम उसका उछले भ्रष्टों में
क्या बना सरकार साथी उसके, कर पाएंगे कुछ कृत्य
क्या रोंक पाएंगे वो इस देश में भ्रष्टाचार का ये नृत्य