From home to school to playground
We find relations all around
They make an entry in professional surround
To most of them we are bound
We are born to live with relations
We are born to respect those relations
Some relations are associated with birth
Other’s that we build as part of life
Relations guide our lives during tough times
They add love and peace most of times
Some relations we are born with
Some relations we build in our life
Some may say relations are because of us
I feel we are known by relations we have
Relations are not known by us,
Rather we are known by their strength
Stronger the relations, merrier is the life
Some relations are associated with birth
Some we build as part of life
But, surely our relations identify us…..
…………….We don’t identify our relations
|
घर-बाहर, गली-चोबारे, रिश्तों का अम्बार है
जिस ओर नज़रें फेरूँ रिश्तों का संसार है
ज़िन्दगी के हर मोड़ पर रिश्तों का गुलनार है
जीते मरते यूँ ही, हमें जीना रिश्तों को है
कुछ रिश्ते जुडे पैदाइश से
कुछ तो जोड़े हमें सफ़र-ऐ-ज़िन्दगी में
हालात जो भी हो सामने हमारे
इन रिश्तों को है हमें निभाहना
इन्ही रिश्तों से है ज़िन्दगी हमारी
हमसे नहीं ये रिश्ते चढ़ते परवान
पाक जितना हो रिश्ता,
होती हमारी ही इज्ज़त अफजाई है
रिश्ते हमसे नहीं जाने जाते
हम जाने जाते हैं उनकी बाबत
कुछ रिश्ते जो जुड़े पैदाइश से
तो कुछ हमें जोड़े अपनी जिंदगी से||
|
This Blog is collection of my poems that come to my mind on the situational feelings / thoughts that cross through my mind. They are either based on real life event or are based on inspirational line from my readings. They are just the work of art & have No connection to My personal Life in General. 20/11/2012 - Even though I had stated that my poems are just work of art, but some of my poems have been Presented Negatively so I have taken them off
Thursday, November 28, 2013
Relations - रिश्ते
Friday, November 15, 2013
जीवन से जीवन का नाता
जीवन से जीवन का है ये कैसा नाता
नहीं संसार में जो इसको समझता
हर पल हर क्षण लेता एक परीक्षा
कैसे कोई पूरी करे जीवन की समीक्षा
हर रिश्ता हर नाता बंधा अलग डोर से
रिश्तों के द्वन्द में जीवन उलझता हर ओर से
कैसे सुलझाए कोई रिश्तो की ये गुत्थी
दर लगता है कि कहीं खो ना दे अपनी हस्ती
कच्चे धागों से बंधी कर रिश्ते की डोर
उसपर चलता है जीवन का हर दौर
रिश्तों से जीवन का है ये कैसा नाता
नहीं संसार में कोई जो इसको समझ पाता
हर पल हर रिश्ता लेता जीवन परिक्षा
हर जीवन बीत जाता करते ये समीक्षा
कैसे जीयें जीवन संभाल रिश्तों की डोर
कैसे बीताये कोई जीवन के ये कठिन दौर||
Saturday, November 9, 2013
बिन तिहारे
बिन तिहारे ये जग सूना
बिन तिहारे ये संसार अधूरा
जो मैं जग में ढूंढा किया
तिहारे चरणों में जा मिला
मात-पिता तुम मोरे
बिन तिहारे ये संसार अधूरा
जनम से चला संग तिहारे
अधर खोल सीखा बोलना
कैसे भूलू वो बिसरी बातें
कैसे भूलू वो बिसरे दिन
गोद में तिहारी निकला बालपन
आँगन में तिहारे गुजरा बचपन
सिखा सारा जीवन तुमसे
अब है बारी मेरी
सेवा चाकरी करूँ तिहारी
खुशियाँ चरणों में रखूँ मैं सारी
दिन रात मैं फरक न जानू
सिर्फ अपना संसार सवार्रों
आज कुछ चहुँ तिहारा
तो चाहूँ केवल आशीर्वाद
संग मेरे अपना जीवन निहारो
अपने चरणों में मोहे धर लो
मात-पिता तुम मोरे अनमोल
बिन तिहारे कैसा मेरा जग में मोल||
Sunday, November 3, 2013
Separation
If the thought itself is scary
how the moments would vary
its not something for which we marry
thoughts of it are not to carry
Separation is not destination
it is something but not mission
its a fruit from the word treson
it should never be in vision
Traitors think of Separation
it stems out of desperation
it should have no denomination
when you are in love & relation
Separation is the word for non-believers
it is the saga of non-affirms
it is for those who don't want to be together
for they are those who are relation breakers
Friday, October 25, 2013
विषधर
पिला उसे शब्दों का हलाहल
कहते हो तुम उसको विषधर
कर उसपर सह्ब्दों के वार
कहते हो तुम उसको विषधर
नहीं उसमें उतना विष
जितना हलाहल उसने पिया
कहते क्यों हो उसको विषधर
क्यों पकड़ते हो उसका अधर
धीरज नहीं गर तुम रखते
वश में गर खुद के नहीं रह सकते
तो क्यों चलते हो शब्दों के बाण
क्यों हारते हो तुम उसके प्राण
छुप कर वार जो तुम करते हो
हलाहल के वार जो करते हो
उसका ही परिणाम है वो
जिसको अब विषधर कहते हो
ना चलाओ तुम अपने अस्त्र
वश में रखो तुम अपने शष्त्र
देखोगे उसका फिर तुम रूप वही
विषधर जिसमें तुमने बसाया!!
बिटिया
बिटिया जबसे तुम आयी हो
जीवन में नयी खुशियाँ लायीं हो
पूरी की तुमने मेरी अभिलाषा
भर गयी है जीवन में अब आशा
तुमसे मेरा जीवन हुआ पूर्ण
हुआ मैं जीवन संघर्ष में उत्तीर्ण
आने से तुम्हारे गूंजी आँगन में किलकारी
रंगीन हुई मेरे जीवन की चित्रकारी
तुम हो मेरे जीवन का सारांश
तुम हो मेरा अपना भाग्यांश
तुम ही हो अब मेरे जीवन का ध्येय
तुम्हारा भविष्य है मेरे जीवन का लक्ष्य!!
पूरी की तुमने मेरी अभिलाषा
भर गयी है जीवन में अब आशा
तुमसे मेरा जीवन हुआ पूर्ण
हुआ मैं जीवन संघर्ष में उत्तीर्ण
आने से तुम्हारे गूंजी आँगन में किलकारी
रंगीन हुई मेरे जीवन की चित्रकारी
तुम हो मेरे जीवन का सारांश
तुम हो मेरा अपना भाग्यांश
तुम ही हो अब मेरे जीवन का ध्येय
तुम्हारा भविष्य है मेरे जीवन का लक्ष्य!!
Tomorrow's the Day
Tomorrow's the day I am waiting for
For the day would be full of happiness
For the day would be beaming with Joy
For the day is tomorrow and not today
Tomorrow's the day when You would smile
Tomorrow's the day when You would laugh
Tomorrow's the day when You would love
For that Tomorrow's the day I am waiting for
Looking at the clock on the wall
I wonder when this Tomorrow would arrive
Looking at the Sky
I wonder how long this Tomorrow would thrive
Tomorrow's the day I am waiting for
Tomorrow's the time I am waiting for
For me the today is all lost
For me yesterday is all ghost
Tomorrow's the day I am waiting for
For it would bring that smile on your face
For it would bring that joy in our life
For it would be the fresh start I am looking for!!
Words Dry Up
When I see pain in your eyes
My words dry up
When I feel agony in your heart
My words dry up
With your dripping eyes
With your quizzing looks
With that pain in your heart
My words dry up
When I try to write
Your sad face shows up
Looking at your sadness
My words dry up
As my words find their life
Deep in your happiness
They tend to disappear
When your sorrow shows up!!
Monday, October 21, 2013
Broke
I am literally broke today
trying to fix my broken heart
I am literally begging today
trying to fix my lost life
Dunno where did I lose it
Dunno where did I misplace it
But the piece of life
the one with Peace written on it
Is missing from the deck
Dunno if I bought the wrong life
Dunno if Destiny's used its knife
But I am not able to find
the one with Love written on it
I am literally shattered today
I am literally broke
I have no aim in life
I lost that passion to live
Your love was my direction
But I lost that direction today
Your love my strength to live
But I lost my strength today
I am lone in this world of souls
I have not one to fix my life
Today I denounce the world for you
Today I have nothing to gain
With your love gone from my life
I am no one's & no one's mine
I denounce the life & the world
For you to live your life....
The way you wish to live.....
हृदयनाद
चित्कार आज मष्तिस्क में है
जीवन हाला पी जाने की
कि कैसे करूँ मैं खाली ये प्याला
हो रहा कहीं नव जीवन कोपलित
ह्रदयनाद भी हो रहा इस प्रकार
नहीं रहा अब जीवन से सम्बन्ध
अश्रुओं की माला मैं पीरों रहा
पर कैसे करूँ खाली ये प्याला
राह नहीं मिलती मुझे अब
भटक गया हूँ मैं जीवन में
नहीं अब कोई ध्येय मेरा
फिर भी कैसे करूं खाली ये प्याला
कि हो रहा कोपलित एक जीवन
वह जीवन है चाह मेरी
हृदयनाद है पीने का जीवन हाला
पर कैसे करूं मैं खाली ये प्याला||
Thinking of You
Though I may not be next to you
but you are in my thoughts
Though you may push me off your heart
you would always rule mine for life
Whether I am with you or not
there is always a riot in my heart
for you my heart beats life in me
for you my heart pumps life in me
Though I may not be next to you
but you always rule my thoughts
Though you may desert me to be alone
your memories would always be mine
Whether you loved me ever
or if you would ever love me
Is not the question that bugs me
for I loved you and will always do
Though you may want to rule me out
but I would always live in your shades
Though you may push me off your heart
you would always rule mine for life
Though I may not be next to you
but I am always thinking about you
Though you may desert me to be alone
I would never be lonely, thinking of you!!
सबसे बड़ी चुप
छल कपट की दुनिया है
हर एक है दूसरे से आगे
बस कोई कह जाता है अपनी विपदा
कोई शांत सहता रहता है सर्वदा
स्वर ऊँचा कर कहते हैं जो
क्या दबा जाते हैं छल अपना
क्या अपने मीठे शब्दों में
कपट छुपा जाते हैं अपना
शांत कहीं कोई है जग में
तो नहीं उसके ये माने
कि उसका सच उसका कपट है
कि करता है वो हर पल छल
सहिष्णुता का गागर है उसमें
सह जाएगा शब्दों का विषधर
हर लांछन का होगा एक ही उत्तर
कि लांछन भी तो है जीवन सा नश्वर
Tuesday, September 17, 2013
Dear Daughter - Nabhyaa
You came in my life
like a twinkling star
You came to my life
like a ray of hope
The day you came in my life
has been the best day for me
The way you came in my life
has been the best way
Now when I hold you in my arms
I float in the divinity of lords
When your smile floats on your lips
it serves me sort of nips
Loving you is all I can do
I know you would love it too
Caring for you is my ultimate goal
for you are my heart and my soul
Love you loads.....Dear Daughter
Wednesday, August 28, 2013
चेहरा तेरा
देखूं जब भी चेहरा तेरा
दिखे मुझे प्यार तेरा
हो चाहे फिर सांझ सवेरा
दिखे मुझे सिर्फ प्यार तेरा
लट यूँ उलझी लटके सर पर
जैसे हो मेरे राग की दुल्हन
आँखों से छलके बूर तेरा
देख पढूं में इश्क का कलमा
देखूं जब भी चेहरा तेरा
ना रहे मुझे होंश जरा
फिर हो चाहे सांझ सवेरा
देख तुझे मैं बनू बावरा
ग़मों से नाता
गम से मेरा नाता बहुत पुराना है
कि ग़मों ने मेरा साथ कभी छोड़ा नहीं
कि गम के सहारे मैं जीता आया हूँ
कि शराब के प्याले में भी गम पीता आया हूँ
नहीं मुझे कोई गिला ग़मों की दुनिया से
कि है ग़मों से मेरा रिश्ता आदम के जमाने से||
कि ग़मों ने मेरा साथ कभी छोड़ा नहीं
कि गम के सहारे मैं जीता आया हूँ
कि शराब के प्याले में भी गम पीता आया हूँ
नहीं मुझे कोई गिला ग़मों की दुनिया से
कि है ग़मों से मेरा रिश्ता आदम के जमाने से||
निर्णय
जीवन की डगर पर
हमराह तो बहुत मिले
जीवन की इस डगर पर
अंत तक का साथ ना मिला
मिले बहुतेरे जग में
हर किसी की थी अपनी राह
इस डगर पर साथ मेरे
ना बना कोई हमसफ़र
जीवन संध्या के पल पर
तुम मिले तो कुछ आस बंधी
कि जीवन डगर पर हमें भी
हमारा हमसफ़र मिला
सोचा था साथ तुम्हारे
जीवन अपना जी लेंगे
ना होश था की साथ तुम्हारे
जीवनकाल को खो देंगे
खो देंगे मर्म जीवन का
खो देंगे अपना सर्वस्व
जीवन संध्या के इस अर्ध में
प्राण अब ये है हमारा
साथ तुम्हें ले कर चलेंगे
कोई दुःख न होने देंगे तुम्हे
दुःख की घनघोर घटा को
हम चादर अपनी बना लेंगे
आंच ना आने देंगे तुम्हें कोई
यही हमारा निश्चय है
जीवन संध्या के इस पल में
यही हमारा निर्णय है||
दुनिया का दस्तूर
देख रहा मैं इस दुनिया का दस्तूर
बैगैरत कर हमें प्यार अपना जताते हैं
रुसवा हमारे इश्क को कर
इज़हार-ऐ-मोहब्बत करते हैं
मार कर हमारी इंसानियत को
खुदा का दर्ज़ा देते हैं
देख रहा हूँ मैं दुनिया के दस्तूर
कि बैगैरत कर इश्क जताते हैं
तोहमत मेरे प्यार पर लगाईं
बेपर्दा मुझे हर बार किया
शर्मो हया की दीवार लांघ कर
मेरी ज़िन्दगी को रुसवा किया
इश्क वो मुझसे जताते हैं
मुझे बैगैरत करने के बाद
देख रहा हूँ दुनिया का दस्तूर
किया आज मुझे मेरी ज़िन्दगी से दूर||
जीवन बंधन
बैठ मदिरालय मैं अज्ञानी मैं
कर रहा ज्ञान वर्धन
इतने ज्ञानी यहाँ मिले हैं
नहीं ज्ञान को बंधन
दो घूँट मदिरा के उतार हलक से
कर रहा मैं क्रीडा
आज जान वर्धन करना है
उठाया है मैंने ये बीड़ा
जीवन की घनघोर घटा से
जिस असमंजस में घिरा
ज्ञान अर्जन कर उस घटा से
आज करना है मुक्त जीवन बंधन
वक़्त गुजर जाएगा
वक़्त गुजार दिया
तेरे इंतज़ार में
एक फासला तय किया
तेरे इंतज़ार में
खड़े हैं आज हम
सिफार की कगार पर
कि खत्म नहीं होता
आलम-ऐ-इंतज़ार
समां सा बंधता नज़र आता है
फिर एक स्याह रात ढलती है
दिन ये भी गुजर जाएंगे
तेरे इंतज़ार में
मंजीलें तय कर चुके
ज़िन्दगी हुई बेज़ार
इश्क हुआ रुसवा
तेरे इंतज़ार में
अब हम बा जीते हैं
कुछ यूँ सोच कर
कि दिन ये भी गुज़र जाएगा
तेरे इंतज़ार में||
My Eyes are Dry
Clouds have covered the Sky
but my eyes are Dry
I wanna cry, but my eyes are dry
Its raining out there
Its water all over
but my eyes are dry
I wanna cry, but why I don't cry
Rain's splashing the ground hard
Clouds are opening their spell
but my eyes are dry
Tears are not getting their way
Heart feels the deepest pain
Blood rushes through the vein
but my eyes are dry
I wanna cry, but I don't cry
Why don't I cry, Why my eyes are dry
It's raining out there
and I wanna cry
but my eyes are dry, I don't cry
Why don't I cry, Why my eyes are dry
Please god make me cry
I wanna cry, but my eyes are dry
Please god make me cry
जीवन हाला
आज पीकर भी इतनी जीवन हाला
बूँद नहीं छूटी ना टूटी अश्रुमाला
उठा आज मैं पी गया विष का प्याला
फिर भी अटूट है है जीवन माला
प्रताड़ना से भी नहीं रहा अछूता
अज्ञानी से बन गया मैं ज्ञान का दाता
फिर भी अटूट है मेरी ये अश्रुमाला
जीवन हाला से भरा है आज मेरा प्याला
पीकर भी उसे अटूट है जीवन की माला
ना बूँद छूटी ना ही टूटी अश्रुमाला
Wednesday, August 21, 2013
गुजारिश - २
ज़िन्दगी जो दी है हाथो में तेरे
थाम डोर इसकी बना इसको खुशनुमा
कि दर्द हमनें बहुत सहे अब तक
अब तेरे साथ ज़िन्दगी जीने की चाह है
दर्द-ऐ-दिल है की हर वक़्त तड़पाता है
एक तेरा साथ है जो दिल को सहलाता है
थाम डोर ज़िंदगी की हाथों में अपने
माहौल एक खुशनुमा बना जीने को
Wednesday, June 26, 2013
It ain't Raining
Heart is full of agony
and I want to cry
but it ain't raining
without its a clear sky
Pain is searing my heart
on seeing sorrow's cart
and I want to cry
but it ain't raining
Tears are swelling inside
and am trying to keep them aside
from rolling down my eyes
for it ain't raining
How bad I want to cry
but it ain't raining
Pain is searing my heart
but it ain't raining
Heart is full of agony
that's searing my heart
and I want to cry
but it ain't raining
नहीं आसां दर्द से बचना
नहीं आसां है दर्द से गुज़रना
नहीं आसां है दर्द से बचना
ये ढूंढ ही लेता है तुमको
आशियाँ जहां भी हो तुम्हारा
समंदर की लहरों में
आसमां में उड़ते परिंदों से
काएनात के हर कोने में
दर्द तुम्हे ढूंढ ही लेता है
घरोंदा कितना भी हंसीं बनाओ
इश्क में चाहे जितने भी डूब जाओ
नहीं आसां है दर्द से बचना
कि दर्द तुम्हें कब्र में भी ढूंढ लेता है||
Sunday, June 23, 2013
वर्षा ने धरा पर संहार किया
कारे बदरा कारे मेघा
बरसे ऐसे अबके बरस
घाटी में वो नीर बहा,
जन जीवन हुआ नष्ट
देवों की घाटी थी वो,
जहां वर्षा ने संहार किया
हजारों के प्राण लिए,
लाखों को बेघर किया
अबके बरस मेघा ऐसे बरसे
धरा पर नरसंहार हुआ
जो वर्षा करती थी धरा का श्रृंगार
उसने ही नरसंहार किया
प्रकृति का प्रकोप कहें इसे
या कहें मानव का लोभ
केदार के धाम में भी
अस्त व्यस्त हुआ जीवन
घाटी थी वो देवों की
जहां ये संहार हुआ
प्रकृति से कर खिलवाड़
मानव ने विनाश किया
चहुँ और हाहाकार मची थी,
पर मानस था लाचार
जल से जो जीवन चलता है,
उस जल की ही वो भेंट चढ़ा
अबके बरस मेघा ऐसे बरसे
कि जैसे प्रकृति की कोपदृष्टि
छोड़ देवालय को
नष्ट हुआ सारा प्रांगण
प्रकृति का ये क्रोध ही था
किया जो तुमने खिलवाड़
काट वृक्षों को बना जलाशय
घर अपना तुम भरते गए
फिर अतिवृष्टि से जो जल बरसा,
उस जल में तुम बह गए
क्यों रुदन अब करते हो,
जब अपनी ही कृति से नष्ट हुए
जो वर्षा करती थी धरा का श्रृंगार
उसने ही संहार किया
अबके बरस कुछ ऐसे बरसे मेघा
कि हर ओर जन जीवन नष्ट हुआ
अपनी कुकरनी से मानव पर
प्रकृति के कोप का प्रहार हुआ
बरसे ऐसे अबके बरस
घाटी में वो नीर बहा,
जन जीवन हुआ नष्ट
देवों की घाटी थी वो,
जहां वर्षा ने संहार किया
हजारों के प्राण लिए,
लाखों को बेघर किया
अबके बरस मेघा ऐसे बरसे
धरा पर नरसंहार हुआ
जो वर्षा करती थी धरा का श्रृंगार
उसने ही नरसंहार किया
प्रकृति का प्रकोप कहें इसे
या कहें मानव का लोभ
केदार के धाम में भी
अस्त व्यस्त हुआ जीवन
घाटी थी वो देवों की
जहां ये संहार हुआ
प्रकृति से कर खिलवाड़
मानव ने विनाश किया
चहुँ और हाहाकार मची थी,
पर मानस था लाचार
जल से जो जीवन चलता है,
उस जल की ही वो भेंट चढ़ा
अबके बरस मेघा ऐसे बरसे
कि जैसे प्रकृति की कोपदृष्टि
छोड़ देवालय को
नष्ट हुआ सारा प्रांगण
प्रकृति का ये क्रोध ही था
किया जो तुमने खिलवाड़
काट वृक्षों को बना जलाशय
घर अपना तुम भरते गए
फिर अतिवृष्टि से जो जल बरसा,
उस जल में तुम बह गए
क्यों रुदन अब करते हो,
जब अपनी ही कृति से नष्ट हुए
जो वर्षा करती थी धरा का श्रृंगार
उसने ही संहार किया
अबके बरस कुछ ऐसे बरसे मेघा
कि हर ओर जन जीवन नष्ट हुआ
अपनी कुकरनी से मानव पर
प्रकृति के कोप का प्रहार हुआ
जाने क्यों नहीं लगता ये दिल
जाने क्यों, जाने क्यों, नहीं लगता ये दिल
जाने क्यों नहीं गुजरता है अब दिन
राते लगती हैं सदियों सी लम्बी
जाने क्यों थम सा गया है ये वक़्त
कुछ वो दिन थे जो लम्हों से बहे
अब वो दिन हैं सदियों से लम्बे
जाने क्यों नहीं लगता कहीं अब ये दिल
जाने क्यों ढूँढता है ये वो पल
हर पल हर घडी ढूँढता है तुम्हे
बिन तुम्हारे ये भटकता है हर गली
जाने क्यों है ये बेचैन बिन तुम्हारे
जाने क्यों दुन्धता है तुम्हें ये हर पल
जाने क्यों, जाने क्यों नहीं लगता ये दिल
बिन तुम्हारे ना जाने यों बावरा है ये दिल
जाने क्यों नहीं गुजरते अब ये दिन
जाने क्यों लगती नें सदियों सी ये रातें
जाने क्यों, जाने क्यों, जाने क्यों||
Saturday, June 22, 2013
तुझसे प्यार है
गर कभी सुनो आह मेरी
तो समझना मुझे तुमसे प्यार है
गर कभी जुबां खामोश हो
तो समझना मुझे तुमसे प्यार है
गर मैं दर-ओ-दीवार को देखूं
तो समझना मुझे तुमसे प्यार है
गर रात में चाँद को देखूं
तो समझना मुझे तुमसे प्यार है
इश्क की अपने मैं क्या दास्ताँ कहूँ
कि मुझे तुमसे बेइन्तेहाँ प्यार है
ज़िन्दगी के हर पल में जो तू है
हर उस पल हर लम्हे से मुझे प्यार है
ज़िन्दगी में बस तेरा साथ मैं चाहूँ
कि मुहे हर पल सिर्फ तुझसे ही प्यार है
ज़िन्दगी के बुझते दिए को
बस तेरा ही इंतज़ार है||
Friday, June 21, 2013
प्रकृति का तांडव
कर आँखें नम नाम दे रहे भगवान् को
मानव की गलती से अंत हुआ मानव का
प्रकृति का कर विनाश
प्रकृति को ही कोस रहे
जब जीना है गोद में प्रकृति की
तो जियो उसकी सुन्दरता में
विकृत गर करोगे प्रकृति को
तो होगा प्रलय सा विनाश ही
तांडव में प्रकृति के
मिलाप होगा काल से ही
ग्रस्त अपनी ही करनी के हुए हो
फिर प्रकृति को क्यों कोस रहे||
मानव की गलती से अंत हुआ मानव का
प्रकृति का कर विनाश
प्रकृति को ही कोस रहे
जब जीना है गोद में प्रकृति की
तो जियो उसकी सुन्दरता में
विकृत गर करोगे प्रकृति को
तो होगा प्रलय सा विनाश ही
तांडव में प्रकृति के
मिलाप होगा काल से ही
ग्रस्त अपनी ही करनी के हुए हो
फिर प्रकृति को क्यों कोस रहे||
Sunday, June 16, 2013
तुझसे जुदा हूँ पर तन्हा नहीं
तुझसे जुदा तो हूँ मैं पर तन्हा नहीं हूँ
यादों में तेरी इस कदर मै डूबा हूँ
ना गम-ऐ-तन्हाई की फुर्सत है मुझे
ना तेरे जुदा होने का कोई गिला
तुझसे जुदा तो हूँ पर तन्हा नहीं
आलम-ऐ-तन्हाई से रूबरू नहीं हुआ
तेरी यादों के समंदर में इस कदर मैं डूबा
कुछ मंजर इस कदर बने जान-ऐ-मन
कि तेरी तस्वीर का आगोश मुझे मिला
तुझसे जुदा तो हूँ पर तन्हा नहीं
तेरे साए के आगोश में हर रात गुजारी है'
तन्हाई से जब से हमने मुंह फेरा है
तेरी जुल्फों का आसरा लिए जिए हैं
मोहब्बत से जब से हमने नाता जोड़ा है
रात-ओ-सहर तेरी ही यादों में डूबें रहते हैं
तुझसे जिदा तो हैं पर तन्हा नहीं हैं
तन्हाई भी इस कदर अब रुसवा है मुझसे
करती है शिकवा वो तेरी ही यादों का
आलम-ऐ-मोहब्बत में जो हम परवान चढ़े
तेरी ही यादों को हम अपने साथ ले बढे
तुझसे जुदा तो हूँ मैं पर तन्हा नहीं
हर लम्हा हर पल तुझसे ही जुडा हूँ मैं||
Saturday, June 15, 2013
पिता कहने का अवसर दो
क्यों तू मुझे मारे, हूँ मैं तेरा ही अंश
मेरे कारण ही चलते हैं ये वंश
बेटी, बहन, पत्नी, माँ बन मैं रहती
घर आँगन को मैं रोशन करती
ना मार मुझे तू, हूँ मैं तेरा ही अंश
मार मुझे ना बन तू एक कंस
बन कली तेरा ही आँगन महकाऊँगी
मीठी अपनी बोली तुझे मैं सुनाऊँगी
क्यों तू चाहे मुझे मारना
कौन देता है तुझे ऐसी प्रेरणा
बाबुल मेरे ना मार मुझे
नन्ही परी हूँ मैं तेरे आँगन में
सुनती हूँ जब मैं ताने माँ की कोख में
डर जाती हूँ अपनी बली चढ़ने से
ना मरो मुझे, मुझे जनम लेने दो
तुमको पिता कहने का मुझे अवसर दो
बेटा चाहिए तुमको अगर
तो बन बेटा सारी जनम सेवा करूंगी
तुम्हारी हर चिंता मैं बाँट लूंगी
सारा जनम तुम्हारे सुख पर वार दूँगी
बेटी हूँ तो क्या हुआ
अंश तो मैं तुम्हारा ही हूँ
मारो मत मुझे, बस मुझे जीने दो
कली बन तुम्हारे आँगन में महकने दो||
माँ मुझे जीने दे
क्या बिगाड़ा है मैंने तेरा
मैंने तो तेरी कोख है बसाई
क्यूँ हूँ मैं कष्ट तेरा
मैंने तो तेरी पदवी बढाई
क्यूँ तू चाहे मुझे मारना
क्यूँ सहूँ मैं ये प्रतारणा
बन मैं तेरी परछाई जी लूंगी
हंस मैं तेरे बोल सह लूंगी
ना मार मुझे मेरे जनम से पहले
मेरी इतनी तो तू सुन ले
तेरे कामों में मैं हाथ बटाऊँगी
तेरे दुखते पैर मैं दबाऊँगी
मुझे तू जीने दे, जनम मुझे तू लेने दे
तू मुझे जग में आने का अवसर तो दे
जगा तू ममत्व अपना मेरे लिए
ना मार मुझे तू किसी के सुख के लिए
मैं बन सुख तेरा तुझे गीत सुनाउंगी
तेरे हर दुःख में साथ तेरा निभाउंगी
मुझे तू बस जनम ले जग में आने दे
जीने दे माँ मुझे, मुझे बस जनम लेने दे||
Wednesday, June 12, 2013
ज़िन्दगी ऐ ज़िन्दगी
ज़िन्दगी ऐ ज़िन्दगी ना जा
हो के यूँ रुसवा हमसे ना जा
साथ हमारा छोड़ के ना जा
कि तेरे बिन क्या है ये जहाँ
साथ मेरा छोड़ के ना जा
बेरूख है ये ज़माना ना जा
बेदर्द है ये समां ना जा
सुख से गए हैं अश्क मेरे ना जा
कि बिन तेरे लम्हात कैसे बीतेंगे
साथ मेरा छोड़ के ना जा
बिन तेरे तडपे हम हर पल
बिन तेरे तरसे हम हर पल
ना जा तू यूँ मुख मोड़ के
ना जा यूँ दिल तोड़ के
ना जा यूँ बेसहारा छोड़ के||
Here I am to say - I love you
When you hear the footsteps approaching
When you hear the door bell ring
Close your eyes to tell yourself
It's me who is walking to you
When you hear the phone ringing
When you hear the call from postman
Feel it deep in your heart
It's my message that's coming
Here I am writing for you
Here I am telling you
I love you
Here I am waiting
to see you
When you hear that knock on the door
When you hear the wind whistling its way
When you hear the melody of birds chirping
Close your eyes to hear me say
I love you
Here I am counting moments
to see you
Here I am writing all the way
I love you
Here I am to say
I love you...
Points to Ponder
Why life seems to be so small
Why it drives us to the wall
Why is mind stuck with a nail
When love can help us sail
Why we keep counting the moments
Why the world pours those comments
When we can leave life in peace
Where the struggle can cease!!
Where the struggle can cease!!
Thursday, May 30, 2013
IPL 6 Controversy
Looking beyond the game
One where we see a lot of Shame
I wanted to understand the Administration
Where everyone is taking out the frustration
The Chief who is liable to bow
Under the light of pressure he is supposed to go
The Office bearers where are alleging
Misshapes are something that they are disowning
The game that has lead the nation to shame
Where everyone has someone else to blame
Today is marred with a lot of controversy
To make it up there is no one with a policy
The game today is surrounded by polity
The game that once was lauded for quality
Politicians are up with arms of words
Everyone is ready to drag their own swords
But what happened has only put us to shame
For once again greed took over the game
Bookies are out there playing with money
Top honchos are not less than being crooney
अंतर्मन का द्वंद्व
बिन बादल इस पहर लगी बरखा की झड़ी
अंतर्मन को जाने क्या गया चीर
नैनो से ढलक गया जाने क्यों नीर
प्रकट कर गया जैसे वो ह्रदय की पीड
जाने कौन सी गाथा जिसमें उलझा चित्त
गया जिसमें जीवन का सपना मिट
ना जाने कौन सी बेला है कि टूटा हर सपना
भूल गया जिस पल मानव मोल ही अपना
बिन बादल जो बरसा आज पानी
सर्द कर गया जीवन संध्या
पीड उभर आई कोई जानी अनजानी
कर गयी कुछ अनमोल विचारों की ह्त्या
द्वंद्व मचाया इस बरखा ने कुछ ऐसा
सागर मंथन से हलाहल निकला हो जैसा
गटक इस हलाहल को चला मानव जीने
कर निश्चय अपने ही नैनों के नीर को पीने||
Saturday, May 25, 2013
चंद छंद - ३
चिंता की चिता में जलता है जीवन का दिया
उसपर मौत को बढ़ती डगर है अंधकारमय
कैसे जिए तिल तिल इस पाशविक संसार में
जहां हर पल भय सताता है जीवन राह में||
-----------------------------------------------------
चिता जीवन की अब बन रही चहुँ ओर
नहीं मानव जीवन का कहीं कोई ठोर
ठिकाना नहीं जहां रहे मानव शान्ति के बीच
मौत का तांडव हर डगर पर रहा जीवन को भींच||
-----------------------------------------------------
चिंता जीवन की कर जी रहा है मानव
संसार में जीवन प्रलोभन बढ़ा रहा है दानव
धरा को सींच रहा है रक्तपान से आज हैवान
दर कर बैठा है भगवान् राज कर रहे शैतान||
-----------------------------------------------------
कोडियों के मोल बिकता है आज आत्मसम्मान
लाज बेच बेच बन रहे हैं सब धनी और जगवान
ना कोई संकोच है कि समय आज है इतना बलवान
जित देखूं दीखे मुझे गधे बैठे बन बलशाली पहलवान
Tuesday, May 21, 2013
चंद छंद - २
उजड़ा अगर बसना चाहे तो उसे बसा
निर्माण में अगर द्वंद्व है तो उसे जगा
चाह है अगर तुझमे बसने की है आदम
तो उठ और नाश की प्रवृत्ति से जा टकरा||
------------------------------------------------------
अँधेरी रात में दिवा जलाना है तो हे आदम
उठ तू प्रकृति के तुफानो से लड़ जा
अगर है तुझमे इतना ही दम
तो उठ अपनों को साथ ले अपना हर कदम बढ़ा||
-------------------------------------------------------
तुफानो से अगर तू डरता है हे आदम
तो अपने घर के अँधेरे से दोस्ती कर
गर घर के अँधेरे से तू डरता है
तो उठ और तुफानो से टकराने का साहस कर||
Monday, May 20, 2013
एक बार तू मुस्कुरा दे
है ग़मगीन बहुत आलम-ऐ-ज़िन्दगी
फिर भी कर रहे हम खुदा कि बंदगी
कि खुशियाँ वो मेरे दामन में भर दे
कि मुस्कराहट वो तेरे चेहरे पर भर दे
गम के इस आलम में तो हम जी लेंगे
ग़मों से भरे ज़िंदगी के कसीदे भी पढ़ लेंगे
कि गर तुम एक बार मुस्कुरा दो ऐ हंसीं
हम दर्द को अपने सीने में ही दफ़न कर लेंगे
ग़मगीन गर आलम है तो ऐ हंसीं
एक बार जरा मुस्कुरा आलम को हंसीं कर
अपने जेहन में दबी हस ख़ुशी को तू
अपनी मुस्कराहट से एक परवान कर
है ग़मगीन बहुत आलम-ऐ-ज़िन्दगी
कि इंतज़ार है इन्हें भी तेरी मुस्कराहट का
ग़मों से भरे इस आलम में गर तू मुस्कुरा दे
तो ऐ हंसीं इस गम को हम दवा समझ पी लेंगे||
Thursday, May 9, 2013
Politics & Politicians
Often wonder what is it
is it an occupation for corruption
is it a field for power consumption
or is it a game of accusation
Often wonder who engage in it
are they the unemployed with no work
are they the one's who love to live in dark
are they the one's who love to sit and bark
Often wonder what is the main cause
is it to provide governance and facilities
is it the act of ensuring public safety
is it the field to ensure basic food and amenities
Though I tried to find out the answer
never got that success, was always left to wonder
books point at some ideal situations
but practicality just leads to the state of politicians
Sunday, May 5, 2013
चीन की घुसपैठ
लद्दाख में चीन की घुसपैठ पर कुछ पंक्तियाँ
--------------------------------------------
चीन से आया जो घुसपैठिया
उसको लद्दाख में घर बनाए दो
घर जो उसने बनाया वहाँ
सरकार को बात करने दो
अफसरों को और फौजियों को
चुप रह सहने की सलाह दो
नेताओं तो इसपर राजनीति करने दो
बाबुओं को इसपर थोडा सोचने दो
मंत्रीजी को फिर भी चीन जाने दो
चीन से आया जो घुसपैठिया
उसकी धमकियां देश को बताया करो
घुसपैठिये से मोहब्बत और प्यार करो
उसने अरुणाचल में हाहाकार मचाया
अब फिर एक बार लद्दाख में घुस आया है
फिर भी सरकार तुम चीन की सैर करो
और चीनियों से मिल देश की अस्मिता बेचा करो||
ज़िन्दगी का एहसास
ज़िन्दगी में प्यार का
प्यार में तकरार का
तकरार में चाहत का
चाहत में मोहब्बत का
अपना ही एक सिला होता है
मोहब्बत में जुदाई का
जुदाई में दर्द का
दर्द में चाहत का
चाहत में ज़िन्दगी का
अपना ही एक जज्बा होता है
जज्बातों की इस महफ़िल में
शुमार जब तुम्हारा खुमार हो
तुम्हारे खुमार से भरे पलों में
जब हर पल तुम ही तुम हो
उस हर पल का अपना एक सिला होता है
तुम्हारे खुमार में जब तुम्हारा प्यार हो
तुम्हारे प्यार में जब तुम्हारा इकरार हो
तुम्हारे साथ बिताए लम्हों में
तुम्हारी चाहत भरी निगाहों में
तुम्हारे साथ हर पल में ज़िन्दगी का एहसास होता है||
---------------------------------------------------------
कुछ लम्हात ज़िन्दगी के ऐसे होते हैं कि उनमें जिए जज़्बात अपने आप में एक कलाम बनते से जाते हैं| कुछ चुनिन्दा ऐसे पलों से भरी ज़िंदगी को मैंने पेश करने की कोशिश की है| यह कलाम का हर हिस्सा अपने आप में एक कलाम की तरह पढ़ा जा सकता है......ज़िन्दगी बस ऐसे ही हंसीं लम्हों से गुजरती रहे...यही इल्तेजा ऊपर वाले से है||
I See My World in You
Walking in the grass with my shovel
I dug through life to find a vowel
A vowel that would help get peace
Reconstruct life from its every piece
Rubbing off everything from life's slate
Search of love made me land in this state
I always thought its never too late
One can fight the destiny to control the fate
But search of love got me to this juncture
Life takes all that make it look ruptured
You are my only hope in this race
You are the only one who can help my case
Not sure why my anger on destiny doesn't go away
It just makes my mood swing absurd sway
I know it hurts you all the times
But you are my only hope to let life's lyrics rhyme
I can only beg and plead to solve my life's mystery
For I have a very deep and sad history
You are though my present and my future
I trust you for you have my life to nurture
Shadows of past are haunting me time and again
What they bring to me is only pain
I wanna cry a loud but can't find that rain
Without your support I don't thin I would have any gain
Please be by my side to hold me hard
Please help me shuffle and win life's game of card
I can't promise the world to you
But can say that I see my world in you!!
Saturday, May 4, 2013
एक खबर से दबी दूसरी ख़बर
सरबजीत सिंह की मृत्यु ने देश तो झंकझोर कर रख दिया, और इसपर मेरे एक मित्र अनूप चतुर्वेदी ने एक कविता लिखी....जिसको मैं आपके लिए प्रस्तुत कर रहा हूँ| किन्तु उनकी कविता ने मुझे चंद पन्तियाँ लिखने पर प्रेरित किया, जो उनकी कविता के बाद आपके लिए प्रस्तुत हैं -
अनूप चतुर्वेदी की कविता -
अनूप चतुर्वेदी की कविता -
बाँट रहे वो
लाखों में,
चल हम भी करोड़
दे आते हैं
किसी मजबूर की मजबूरी का तोल मोल कर आते है
"देश का बेटा" कहने वाले तब कैसे मौन रह पाते थे
रिश्तेदार जब इसी बेटे के दर दर पर चिल्लाते थे
देखो वो मर जाएगा - बहन रो रो कर कहती थी
पर दर्द ऐसे मासूमों का सिर्फ सीमा रेखा सहती थी अच्छे इलाज़ का झांसा देते पर "ना पाक" उनके इरादे थे
इधर हमारे गण मन जन भी सिर्फ टी वी तकरार चलाते थे
और वो चुप नहीं है आज भी , घडियाली आंसू बहाते है
हमारी जेलों में जब पाक मजबूर पछताते हैं काश उस दिन हमको इंसानों की सीमा साफ़ दिख पाती तो
हिन्द पाक की पुलिस - जासूस नहीं कह पाती तो
हम दो देशों की बाड़ जाल में नहीं फंस पाते थे
ना इनके उनके नेता हमें शहीद बतलाते थे सब को जीतने वाला सर्वजीत इन देशों से हार गया
यू ऐन के मानवता मुखौटे को सरे आम धिक्कार गया
अभी सैंकड़ों और हैं , दोनों ओर जो रहम रहम चिल्लाते हैं
दोनों देश की जनता से न्याय की उम्मीद लगाते हैं क्योंकि सिर्फ सलाखें ही सह सकती है, "सर्व" के चीत्कार को
हम को , उनको और हमारे परिवारों की करुण पुकार को
---- सर्व और हम, जो दोनों तरफ बंद हैं
किसी मजबूर की मजबूरी का तोल मोल कर आते है
"देश का बेटा" कहने वाले तब कैसे मौन रह पाते थे
रिश्तेदार जब इसी बेटे के दर दर पर चिल्लाते थे
देखो वो मर जाएगा - बहन रो रो कर कहती थी
पर दर्द ऐसे मासूमों का सिर्फ सीमा रेखा सहती थी अच्छे इलाज़ का झांसा देते पर "ना पाक" उनके इरादे थे
इधर हमारे गण मन जन भी सिर्फ टी वी तकरार चलाते थे
और वो चुप नहीं है आज भी , घडियाली आंसू बहाते है
हमारी जेलों में जब पाक मजबूर पछताते हैं काश उस दिन हमको इंसानों की सीमा साफ़ दिख पाती तो
हिन्द पाक की पुलिस - जासूस नहीं कह पाती तो
हम दो देशों की बाड़ जाल में नहीं फंस पाते थे
ना इनके उनके नेता हमें शहीद बतलाते थे सब को जीतने वाला सर्वजीत इन देशों से हार गया
यू ऐन के मानवता मुखौटे को सरे आम धिक्कार गया
अभी सैंकड़ों और हैं , दोनों ओर जो रहम रहम चिल्लाते हैं
दोनों देश की जनता से न्याय की उम्मीद लगाते हैं क्योंकि सिर्फ सलाखें ही सह सकती है, "सर्व" के चीत्कार को
हम को , उनको और हमारे परिवारों की करुण पुकार को
---- सर्व और हम, जो दोनों तरफ बंद हैं
मेरी चंद पंक्तियाँ और उनका मर्म -
करते थे वो बातें केवल, मन तुम्हारा बहलाने को
एक बात को बढ़ा चढ़ा कर इतना करते
सिर्फ ध्यान तुम्हारा बाटने को....
एक आवाज़ तो तुम सुन चुके हो
पुकार एक और भी सुनते जाना
माँ के लाल की लाश जो तुम ढोते हो
जरा माँ की लाज भी बचाते जाना
(सरबजीत की मृत्यु पर तो सब बात कर रहे हैं....लद्दाख में चीन की घुसपैठ किसी को नहीं दिख रही)
एक बात को बढ़ा चढ़ा कर इतना करते
सिर्फ ध्यान तुम्हारा बाटने को....
एक आवाज़ तो तुम सुन चुके हो
पुकार एक और भी सुनते जाना
माँ के लाल की लाश जो तुम ढोते हो
जरा माँ की लाज भी बचाते जाना
(सरबजीत की मृत्यु पर तो सब बात कर रहे हैं....लद्दाख में चीन की घुसपैठ किसी को नहीं दिख रही)
Wednesday, May 1, 2013
जीवन चैना
कित जाऊं मैं तोहे ढूँढने
कित जाऊं मैं तोहे पाने
बीते जीवन के सब रैना
छुपे हो कहाँ ओ मोरे चैना
बिन चैना ये जीवन सूना
सूनी बगिया घर भी सूना
काट खाए मोहे बेचैनी
भूली बिसरी है जीवन की कहानी
ना जाने कहाँ खो गए तुम चैना
ना जाने कैसे बदल गए ये रैना
कित ढूंढूं कित दिसा मैं जाऊं
कैसे जीवन के मैं ये पल निभाऊं??
सफ़र-ऐ-ज़िन्दगी
एक सफ़र तय किया हमनें ज़िन्दगी में
एक तलाश फिर भी अधूरी सी है
तू हिस्सा है हमारी ज़िंदगी का
फिर भी तुझसे ये मुलाक़ात अधूरी है
जान कर भी तुझे जान ना पाए हम
तुझे चाह कर भी समझा ना पाए हम
एक मंजिल तय की हमें तुझे पाकर
एक मंजिल अभी तय करनी है तेरे साथ
साथ तेरे अब उम्र बसर करनी है
एक उम्र जीनी है तेरे साथ
कोशिश-ऐ-ज़िंदगी होगी तेरी हर ख़ुशी
कि तेरी एक ख़ुशी अब भी अधूरी है
एक सफ़र तय किया हमनें ज़िन्दगी का
कि एक सफ़र हमारा अभी बाकी है
जान कर भी ना जान पाए हम खुद को
कि खुद को समझना अभी बाकी है||
माँ तो माँ है
कासे कहूँ मैं अपनी विपदा
कासे कहूँ मैं अपनी पीड़ा
ममत्व तो ममत्व है
कासे कहूँ मैं उसका महत्व
माँ से मैं जुड़ा हूँ भावों में
माँ से में करता हूँ अपनी बातें
कासे समझाऊं तोहे मैं
माँ से है मेरा अपना नाता
का कहूँ तोसे मैं अपनी व्यथा
ना तोहे समझनी ये गाथा
माँ तो माँ है, है वो अपनी
काहे इसमें तोरी मोरी करनी
माँ तो माँ है, है वो अपनी
उसके ममत्व ने ना कोई सीमा जानी
समझ तू अब मोरी पीड़ा
सोच में तोरी है मोरी विपदा
ना कर तू ये मनमानी
न कर गहरी तू सोच अपनी
समझ महत्व इस रिश्ते का
माँ से मोह है मोरा भावों का
Monday, April 22, 2013
मुलाक़ात
मुलाकातों का सिलसिला तो इस कदर ही होता है
मिल कर भी ना मिलना अपना नसीब होता है
बातों के सिलसिले में जब जिक्र उनका होता है
तो उनसे मुलाकात को, दिल और भी बेचैन होता है||
मिल कर भी ना मिलना अपना नसीब होता है
बातों के सिलसिले में जब जिक्र उनका होता है
तो उनसे मुलाकात को, दिल और भी बेचैन होता है||
Saturday, April 20, 2013
संसार का हाल
हो रही धरा की धरोहर जार जार
स्त्री का हो रहा हस ओर बलात्कार
सहिष्णुताहीन हो गया है ये संसार
घृणा और पाप का लगा है हर ओर अम्बार
हलाहल अपमान का पी रहे देव भी
दानव कर रहे हर ओर राज
सांसारिक मोह में लीं है मानव भी
दे रहा दानवों को वो करने राज
हर पल मिलता हर किसी को यहाँ अन्याय
न्यायपालिका में भी नहीं न्याय का अध्याय
रक्षक बन बैठे हैं यहाँ जनता के भक्षक
लगता है जैसे तांडव कर रहा हो तक्षक
धरा पर हर पल होता मानवता का बलात्कार
सुनता नहीं आज यहाँ कोई भी यह चीत्कार
सहिष्णुता ऋण हो गया है संसार
घृणा और पाप का लगा है हर ओर अम्बार||
Poor They
They called me crazy and sick
They called me maniac to be fixed
The world over they taunted me
For the life I was leading
Looking at them today from my world
I can only pity at those nerds
They may have thought ill fated for me
But today they have their head on their knee
They thought I would be sitting on fire
Fighting the odds I would retire
But look at them where they are
Betrayed by their thoughts they indeed are
I am happy here to say the least
Though there is task to clear the mist
But it isn't going to be that hard
For them to know that I am not a retard!!
Wednesday, April 10, 2013
संग उसके
संग मेरे वो जो होती है
लगता है मुझे ये जग न्यारा
लगता है हर पल मुझे प्यारा
समय बीत जाता है पलों में सारा
जब वो नहीं होती संग मेरे
मष्तिष्क में उसकी ही छवि होती है
जब कहीं बातें उठती हैं
बिन उसके कोई बात समाप्त नहीं होती
संग उसके ही दिन चढ़े
संग उसके ही हर सांझ ढले
यही आस लिए
मैं दर दर जाता हूँ
निवास उसका ही है मेरे विचारों में
कि जीवन यापन करूं उसके संग मैं
संग उसके लगता है मुझे जग न्यारा
संग उसके लगता हर पल मझे प्यारा||
Monday, April 8, 2013
The Mist
The mist in my life
hails from the past
the hails in my life
cause this mist
I love you so much
Yet don't get enough words
To proclaim my love for you
My deeds are all concentrated
But fail to bear the result
I love you the most
But dealt you the worst
I know my love for you
Is something that haunts you
You try to bring the sunshine
But the mist of past creates the haze
You try to bring the calm peace
But my past haunts even your gaze
I can't do enough to prove my love
I can't do enough to gain your trust
I can't do enough to get you happiness
I can't do enough to clear the mist
The mist from my past haunts our life
Every day it stabs me with a fresh knife
hails from the past
the hails in my life
cause this mist
I love you so much
Yet don't get enough words
To proclaim my love for you
My deeds are all concentrated
But fail to bear the result
I love you the most
But dealt you the worst
I know my love for you
Is something that haunts you
You try to bring the sunshine
But the mist of past creates the haze
You try to bring the calm peace
But my past haunts even your gaze
I can't do enough to prove my love
I can't do enough to gain your trust
I can't do enough to get you happiness
I can't do enough to clear the mist
The mist from my past haunts our life
Every day it stabs me with a fresh knife
दिल तन्हा है
आज फिर दिल तन्हा है
तेरे साथ भी तन्हा
तेरे इन आंसुओं में डूबा
फिल आज फिर तन्हा है
जाने जैसे तुझे बताऊ
कि तेरे इश्क में सराबोर
दिल आज फिर तन्हा है
तेरे साथ को तरसता
दिल आज फिर तन्हा है
कैसे तुझे मैं यकीन दिलाऊं
कि हर पल मैं तुझे चाहता हूँ
तेरे साथ हर पल ख़ुशी है
फिर भी तेरे साथ को तरसता
दिल आज फिर तन्हा है
कैसे चुकाऊं क़र्ज़ तेरे इन आंसुओं का
कैसे चुकाऊं मोल मैं तेरी तन्हाई का
कि दिल मेरा फिर आज तन्हा है
तेरे साथ को तरसता ये बेजुबान
आज फिर तन्हा है
चाहा तुझे जान से बढ़कर
फिर भी तेरी तन्हाई का गुनागार हूँ
तेरे साथ हो कर भी
तेरी खुशियों का मैं कातिल हूँ
और आज फिर तेरे साथ को तरता
बेजुबान ये दिल क्यूँ तन्हा है..
Saturday, April 6, 2013
तुम्ही हो तुम्ही हो तुम्ही हो
मेरी ज़िन्दगी में गर है अब
तो वो तुम्ही हो तुम्ही हो तुम्ही हो
ज़िन्दगी में गर कोई हो
तो खुदा करे वो तुम्ही हो तुम्ही हो तुम्ही हो
आलम-ऐ-ज़िंदगी में अब गर चाहते हैं किसीको
तो ऐ जान-ऐ-वफ़ा वो तुम्ही हो, तुम्ही हो तुम्ही हो
गम-ऐ-ज़िंदगी से परे साथ जिसका चाहते हैं
तो ऐ रौनक-ऐ-बहार वो तुम्ही हो तुम्ही हो तुम्ही हो
ना नज़र आता है अब सिवा तुम्हारे हमें कुछ
ना आब-ऐ-चास्म में मिलता हमें नूर
जुदाई तेरी करती है बेंतेहान परेशान
जुल्फों में मिलती है राहत-ऐ-सुकून
कि जान-ऐ-बहार क्या कहें हम तुझसे
आज सालगिरह तुम्हारी है और रोशन जहाँ हुआ जाता है
रात ये वो पहली है जिसमें ऐ रोशन-ऐ-ज़िन्दगी
हमारा दिल तुम्हारी मोहब्बत में गिरफ्त हुआ जाता है
सालगिरह तो है तुम्हारी, पर क्या कहें तुमसे
खुदा का नायाब तोहफा हमारा हुआ जाता है
मोहब्बत में ये दिल इस कदर तुम्हारा हुआ जाता है
कि जज्बा-ऐ-दिल में गर कोई है
तो चश्म-ऐ-बद्दूर वो तुम्ही हो तुम्ही हो तुम्ही हो||
सालगिरह पर बेंतेहान प्यार के साथ तुम्हारी लम्बी उम्र कि दुआएं करते हैं||
Happy B'day my love.....
Subscribe to:
Posts (Atom)