देखूं जब भी चेहरा तेरा
दिखे मुझे प्यार तेरा
हो चाहे फिर सांझ सवेरा
दिखे मुझे सिर्फ प्यार तेरा
लट यूँ उलझी लटके सर पर
जैसे हो मेरे राग की दुल्हन
आँखों से छलके बूर तेरा
देख पढूं में इश्क का कलमा
देखूं जब भी चेहरा तेरा
ना रहे मुझे होंश जरा
फिर हो चाहे सांझ सवेरा
देख तुझे मैं बनू बावरा
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