Saturday, April 6, 2013

तुम्ही हो तुम्ही हो तुम्ही हो

मेरी ज़िन्दगी में गर है अब 
तो वो तुम्ही हो तुम्ही हो तुम्ही हो
ज़िन्दगी में गर कोई हो 
तो खुदा करे वो तुम्ही हो तुम्ही हो तुम्ही हो 

आलम-ऐ-ज़िंदगी में अब गर चाहते हैं किसीको
तो ऐ जान-ऐ-वफ़ा वो तुम्ही हो, तुम्ही हो तुम्ही हो
गम-ऐ-ज़िंदगी से परे साथ जिसका चाहते हैं
तो ऐ रौनक-ऐ-बहार वो तुम्ही हो तुम्ही हो तुम्ही हो

ना नज़र आता है अब सिवा तुम्हारे हमें कुछ
ना आब-ऐ-चास्म में मिलता हमें नूर
जुदाई तेरी करती है बेंतेहान परेशान
जुल्फों में मिलती है राहत-ऐ-सुकून

कि जान-ऐ-बहार क्या कहें हम तुझसे
आज सालगिरह तुम्हारी है और रोशन जहाँ हुआ जाता है
रात ये वो पहली है जिसमें ऐ रोशन-ऐ-ज़िन्दगी
हमारा दिल तुम्हारी मोहब्बत में गिरफ्त हुआ जाता है

सालगिरह तो है तुम्हारी, पर क्या कहें तुमसे
खुदा का नायाब तोहफा हमारा हुआ जाता है
मोहब्बत में ये दिल इस कदर तुम्हारा हुआ जाता है
कि जज्बा-ऐ-दिल में गर कोई है
तो चश्म-ऐ-बद्दूर वो तुम्ही हो तुम्ही हो तुम्ही हो||

सालगिरह पर बेंतेहान प्यार के साथ तुम्हारी लम्बी उम्र कि दुआएं करते हैं||

Happy B'day my love.....

No comments: