Monday, April 22, 2013

मुलाक़ात

मुलाकातों का सिलसिला तो इस कदर ही होता है
मिल कर भी ना मिलना अपना नसीब होता है
बातों के सिलसिले में जब जिक्र उनका होता है
तो उनसे मुलाकात को, दिल और भी बेचैन होता है||


1 comment:

Freddie said...

Yeh kon hai jinse milne aapka dil bekarar ho jata hai?

Bolo bolo... tell tell ..LOLZZZ