Wednesday, May 1, 2013

जीवन चैना

कित जाऊं मैं तोहे ढूँढने
कित जाऊं मैं तोहे पाने
बीते जीवन के सब रैना
छुपे हो कहाँ ओ मोरे चैना

बिन चैना ये जीवन सूना
सूनी बगिया घर भी सूना
काट खाए मोहे बेचैनी
भूली बिसरी है जीवन की कहानी

ना जाने कहाँ खो गए तुम चैना
ना जाने कैसे बदल गए ये रैना
कित ढूंढूं कित दिसा मैं जाऊं
कैसे जीवन के मैं ये पल निभाऊं??

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