पथ में अडचने आएंगी बहुत
साथी कहेंगे सारे कटुवचन
किन्तु निश्चय कर तुम आगे बढ़ो
अथक परिश्रम से तुम कभी ना डरो
लक्ष्य पर केंद्रित करो तुम ध्यान
संभल के करो अपना हर जतन
कठीनाइयों का तुम करो सामना
सफलता की सदा करो आराधना
अडिग रखो तुम अपना विश्वास
अचल रखो तुम अपना ध्यान
तभी होगी जीत तुम्हारी
तभी पूरी होगी तुम्हारी कामना
साथी कहेंगे सारे कटुवचन
किन्तु निश्चय कर तुम आगे बढ़ो
अथक परिश्रम से तुम कभी ना डरो
लक्ष्य पर केंद्रित करो तुम ध्यान
संभल के करो अपना हर जतन
कठीनाइयों का तुम करो सामना
सफलता की सदा करो आराधना
अडिग रखो तुम अपना विश्वास
अचल रखो तुम अपना ध्यान
तभी होगी जीत तुम्हारी
तभी पूरी होगी तुम्हारी कामना
2 comments:
वीर रस से ओत-प्रोत उत्साह वर्धक राचन....
रितेश आपका धन्यवाद करते हैं की आपको एक प्रयास उचित लगा और उसमें आपने सन्देश पाया
वैसे आपकी कुछ रचनाएँ हमने भी पढ़ी, अत्यंत रोचक हैं...
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