Sunday, April 29, 2012

कविता - An Old Poem from Mayank

मयंक ने शायद 1999 में ये कविता मुझे सुनाई थी| आज कुछ पुराने पन्नों से वो सामने आई तो सोचा मयंक की कविताओं के इस समूह में उसे भी जोड़ दूं -

कविता तुम पर क्या कविता लिखूँ
कि  तुम खुद प्राकृतिक कविता हो
तुम्हारी सादगी और शालीनता ने
तुम्हारे सौंदर्य को और भी निखारा है||

उस पल जब देखा तुम्हें उस भीड़ में
लगा जैसे तारों के बीच चंदा हो
जब सुनी तुम्हारी मधुर वाणी
लगा जैसे वीणा की तान हो||

सोचता हूँ किस सरलता से
ईश्वर ने तुम्हें सुन्दर रूप दिया है
क्या कहीं कोई ऐसा गुण नहीं
जो वो तुम्हें देना भूल गया हो?

Friday, April 27, 2012

म्हारा घर आवजो

घणी राह देखी आपरी घणी बाट जोई
कटे ढूँढू असो जग जो आपे फरमाई
ना असो जग कठे मलिए ना आप पधारो
अरे म्हारा भाई सा अठे यो रूप ना धारो

एक आप म्हारी फरमाइश सुनता जाजो
जो जग मा जी ना लागे आपरो आजसो
जो भावे ना आपरे मिजाज दोस्तां रो
एक बार, बस एक बार म्हारे घर आवजो

चोखट पे आपरी आरती सजी है
पैरां में आपरे मैं दीप जलाऊं
कड़ी या आप कदी मत तोड्जो
बस एक बार म्हारा घर आवजो

Wednesday, April 25, 2012

माफीनामा / Apologies

जिंदगी कि जद्दोजहद में इस कदर उलझे
कि गम-ऐ-उल्फत में लफ्ज़ बेजार हो गए
मोहलत कुछ दिनों की गर मिल जाए
तो आपसे हम फिर रूबरू होंगे

Lost out in the world in such a fashion that the words have dried up.  Apologies, but if I get time out for sometime, I would surely be back here....

Tuesday, April 24, 2012

मंजिल-ऐ-जिंदगानी

तेरी तन्हाई में भी मेरा साया तेरे साथ है
गर नज़र उठाए तो देख मेरा अक्स तेरे साथ है
ना तू कर गिला उनसे अपने गम-ओ-उल्फत का
ना कर तू शिकवा जिंदगी केदोराहे का
उठ ऐ मुसाफिर तू चलाचल राह अपनी
कि  तेरी मंजील तक ये बंदा तेरे साथ है

शिद्दत से जिस जिंदगानी की तुझे तलाश है
उस मंजिल तक तेरे तकल्लुफ में मेरा साथ है
ना हो नाउम्मीद कि तेरा खुदा तेरे साथ है
उठ ऐ मुसाफिर तू चलाचल राह अपनी
कि तन्हाई में भी मेरा साया तेरे साथ है
ना मुड के खोज मुझे कि मेरा अक्स तेरे साथ है


Rise - When They Think You Fell

I only love to love you the way I do
I only see to see you the way I do
I only care for you to care the way I do
I only feel to feel you the way I do

Never in life I wanted you more than I do
Never in life I felt to see you the way I do
Never in life I missed you the way I do
Never in life I wanted to hold you the way I do

Today you are so far away to talk
Today you are at such a distance to walk
Today there is no way you clear the block
Today we have become our destiny's mock

Why did you have to go so far away
Why did you have to hide the sway
Why did you block me with your dismay
Why did you change your path and way

When would this curtain be lifted
When would your heart be shifted
I love it even when I am hated
Pain of your heart is felt even if unstated

It's time you clear your doubts
It's time you had a verbal bout
If they think you are average girl
Give them the taste of that mean curl

I know it hurts when you are in love
Pain inflicts when it pokes from hearts cove
Remember you would always be one's dove
Even though you are far away now

Be the Brave Girl the way you are known
Don't let them ever to make you frown
Get up from the Fall that you are shown
Tell them how tough you have grown

मौसम-ऐ-जज़्बात

मौसम-ऐ-जज़्बात में बहकर रिश्ते नहीं तोडा करते
अपनी ही जिंदगी की ज़मीन पर कांटे नहीं बोया करते
तूफानों से गुजारते हुए आँसमां नहीं देखा करते
ज़मीन से गर जुड जीना है तो शाखों पे घरोंदे नहीं बनाया करते

मौसम-ऐ-जज्बात  में बहकर रिश्ते नहीं तोडा करते
काँटों  से गर डरते हो तो फूलों से नाते नहीं जोड़ा करते
तन्हाई से गर डरते हो तो अपनों में मुख नहीं मोड़ा करते
मोहब्बत का सिला ना मिले तो चाहत से नाता नहीं तोडा करते

ज़मीन से गर जुड जीना है तो परिन्दों से उड़ा नहीं करते
जिंदगी में गर ग़मों से खौफ है तो अपनों से मुख नहीं मोड़ा करते
खून-ऐ-रोशनाई से गर डरते हो तो नगमें नहीं गुनगुनाया करते
मौसम-ऐ-जज़्बात में बहकर रिश्ते नहीं तोडा करते


Monday, April 23, 2012

मानव धर्म

मानव के कोतुहल का कोलाहल
नष्ट कर रहा आज धरा धरोहर को
दानव शक्ति में झूम रहा है वो आज
कर रहा अशांति का तांडव नृत्य

देवों की इस भूमि पर दास बना वो दानव का
अपने ही हाथों से काल ग्रास बना रहा बांधवों को
भूल कर प्रकृति की प्राथमिकता को
भूल रहा है धरा पर संस्कृति की धारा को

होड लगी है अस्त्रों की, कर रहा वो अस्त्र साधना
भूल कर देवों की करनी को बन रहा है भस्मासुर
औरों  से आगे बढने की मानसिकता में
भटक रहा पथिक धरा पर मानव धर्म से

घृणा की भावना में कर रहा घोर उन्माद
दानव भक्त बन कर रहा मौत का तांडव
भूल कर प्रकृति की प्राथमिकता को
अपमानित कर रहा मानव संस्कृति को

बन तू मेरी हीरिये

अभी अभी कुछ पंक्तियाँ  पढ़ी जिसमें हीर रांझे से बोलती है कि सब छोड़ मेरे पास आजा| वे पंक्तियाँ पढ़ कर मष्तिस्क में उन्माद हुआ और कुछ पंक्तियाँ कुछ इस प्रकार बनी -

ना बिन तेरे जग मेरा हीरिये, ना बिन तेरे ये जीवन
छोड़ के सब में आयूँ दर तेरे, ना बिन तेरे मुझे चैना
मिलने तो तुझसे ये जग छोडूँ, छोडूँ में प्राण पखेरू
तू बस मेरी बन जा, क्या हो सांझ क्या सवेरा 


ना तू अपने नैनो से नीर बहा कि जलता है लहू मेरा
ना तू जग में यूँ गिडगिडा कि धधकती है आँखों में ज्वाला
बस तू मेरी बन जा, छोड़ दूं में ये जग सारा
ना बिन तेरे ये जग मेरा, ना बिन तेरे मेरा जीवन

धरा की धरोहर

हरियाली की चादर ओढ़े
महक रही है वसुंधरा
बादलों का वर्ण ओढ़े
थीरक रहा अम्बर भी

नदियों में बहता पानी
मानो गा रहा हो जीवन संगीत
पांखियों के परों को देख
मानो नृत्य कर रही अप्सराएं

खेतों में लहलहाती उपज
फैला रही सर्व खुशहाली
सुंदरता की प्रतिमूर्ति बन
प्रकृति कर रही अठखेलियाँ

कितना स्वर्णिम है ये जगत
जिसमें रहता मानस वर्ग
क्यों  आज व्यस्त है वो
नष्ट करने धरा की धरोहर को

Saturday, April 21, 2012

Wish to Die

It's time when one wishes to die
No more does one wish to hear nay
It's tough to face the rhythm of life
When one is left to face the depth of sky

They say that one played the game
With no remorse and no shame
Why they just don't look at thy selves
Why just they clean their own shelves

They say one betrayed them to the core
Left them alone at the crowded shore
Why don't they look for themselves in the crowd
Why don't they see the way one's heart was mowed

It's time when one wishes to die
For they are left searching their own way
They say one played the game
With no remorse and no shame

This is the bitter reality not some fiction
Ashamed they should me for their action
They hurt someone and break their heart
They just remove the cogwheels of the cart

One would just wish they get what they deserve
For life has for every one something in reserve
If they can do anything for their convenience
They should wait for their destiny with patience

It's time when one wishes to die
For they are left searching their own way
They say one betrayed them to the core
Left them alone at the crowded shore

दौर-ऐ-रुसवाई

खून-ऐ-जिगर से आह निकली है तेरी
कि एक आस में डूबी जिंदगी है तेरी
इबादत-ऐ-खुदा से कर तू राहगुज़र
कि मंजिल तन्हाई की तुझे ना मिले कभी

आब-ऐ-तल्ख़ में डूब ना सुना तू नगमें
कि हमने जिंदगी में और भी गम देखे हैं
शिद्दत से तेरी आरज़ू लिए बैठे थे हम
कि तेरी जुदाई का गम और भी है

हर्फ़-ओ-लफ़्ज़ों में बयाँ नहीं करते गर हम
तो मोहब्बत को हमारी यूँ रुसवा ना कर
ज़िंदगी तेरी अभी बाकी है और ऐ हुस्न-ऐ-जाना
राह  में औरकहीं तक्काल्लुफ़ ना कर

पैगाम गर देना है तो हो तू रूबर जान-ऐ-नशीं
किसी और के लफ़्ज़ों में तकलीफ बयाँ ना कर
नशेमंद तू भी है, नशेमंद हम भी यहाँ
किसी और से कह कर हमें बेपर्दा यूँ ना कर

Gone are the Days

When I look beyond time's horizon
I see the days bygone in the past
The days when I was a rebel
The days when I was careless

Those were the days when
I had my love by my side
I had my friend flocking for a ride
I had all and peace in my life

But today when I look around
I see myself more disciplined
And I find myself more organized
But I lost all that I had with me

I lost my love for my principles
I lost my friends for my values
I lost my peace for I don't compromise
And I now live lonely with my discipline

My friends find me hard to withstand
My folks find me too rude to face
My Love finds me too rigid to accept
And my loneliness finds me everywhere

Gone are the days when I was careless
Gone are the days when I was a rebel
But also gone are the days when I was loved
Today I am all alone on the road to death

गम-ऐ-उल्फत

गर तुम कुछ ना कहते हमसे
तो शायद ये दिल बैचैन होता
गर तुम ना करते शिकवा कोई
तो शायद ये दिल परेशाँ होता

गर ना करते यूँ तुम हमें रुसवा
तो शायद ये दिल यूँ ना धडकता
गर ना करते तुम क़त्ल हमारा
तो शायद ये रूह बेज़ार ना होती

कैसे कहें तुमसे कि लफ्जात तुम्हारे
हलक  से हमारी जान ले गए
गर अब तुम गम-ऐ-उल्फत में जीते हो
तो ऐ बंदे मेरी कब्र पर पर ना रोना


Dilemma

Life is so tough with me
Destiny is also not supporting
Today I am lost in a dilemma
How to approach for the solution

Though she departed from my life
Though she vowed never to be back
How do I ask her for my stuff
That's lying close to her

It's not her departure that broke me
It's not her words that hurt me
It's the wrong attitude that she showed
It's the negative feeling that she perceived

I know she wouldn't like to see me
I know she wouldn't like to face me
But, I wouldn't like her to be sad
When she see's my stuff next to her

The stuff is not that important to me
Than her happiness and glint in eyes
The stuff does not hold that value
As the smile on her lovely face

I just don't want her to remember me
When she sees my stuff next to her
My Dilemma is to get that away from her
And preserve it to feel her with me

I beg you life to give me the solution
I request you to end this situation
I know Destiny wouldn't help me
As it has always be against my case

It's not that I value my stuff as much
As I value her peace of mind and happiness
It's not that I would die for my stuff
As I would to see that smile on her face

Friday, April 20, 2012

इज़हार-ऐ-इश्तियाक

तरन्नुम-ऐ-गुजारिश है तन्हाई से
कि राहगुज़र को एक लम्हा आसरा दे
उल्फत-ऐ-इश्क से आया है बेआसरा
इसको अपनी जुल्फों का साया दे

अन्ज-ऐ-इज्तिराब से बेआबरू हो चला है
आब-ऐ-तल्ख़ से प्याला इसका भरा है
इत्तिहाम बेवफाई का ओढ़ ये गरीब
आज दर पे तेरे बेआसरा खडा है

कहता है मुझसे की राज़-ऐ-दिल किससे कहूँ
कि अब भी मेरा सामान सौदाई के पास पड़ा है
कैसे कहूँ उससे कि वो लौटा दे मेरा सामान
कहीं मेरी याद दिला वो हुस्न को रुसवा ना कर दे

सोचता है कि इज़हार-ए-इश्तियाक कैसे करे
कि उफ्ताद-ऐ-हालात से नाउमीद है ये
कफस-ऐ-नफरत में क़ैद है ये काफिर
कौल-ऐ-हुस्न पर कुर्बान-ऐ-मोहब्बत कर


काफिर

हमारे अरमानों का जो क़त्ल किये जाते थे
हमारी मोहब्बत को जो अब्तर किये जाते थे
आब-ऐ-चश्म हमें जो पिलाए जाते थे
ऐ खुदा हमें आज वो काफिर कहते हैं

आशियाना जो दिल को बनाया चाहते थे
हमारे  खून-ऐ- रोश्नाए से कलाम लिखा चाहते थे
अज़ाब में हमारे जो अश्किया बने से रहते थे
अख्ज़ वो हैं जो आज हमें काफिर कहें जाते हैं

अरमानो से जिनकी निकली हमारे इश्क की मैय्यत
मुलाक़ात जिनसे आखरी बनी हमारे इश्क की मैय्यत
अफ़सोस  जिन्हें ना हुआ कि निकली हमारे इश्क की मैय्यत
अल्फाज़ उनके हमें काफिर कहे जाते हैं

काफिर गर उनकी नज़रों में हम निकले
गर उनके ख्यालों से ये अल्फाज़ निकले
कि मोहब्बत के कलाम गर यूँ बदले
ऐ खुदा इस दुनिया के हम काफिर ही भले

गर मोहब्बत कर हमें दोजख मिले
गर कर वफ़ा हमें तन्हाईमिले
ना पनाह ना आशियाँ कहीं मिले
तो ऐ खुदा इस दुनिया के हम काफिर ही भले

हमारे अरमानों का जो क़त्ल किये जाते थे
अज़ाब में हमारे जो अश्किया बने से रहते थे
गर उनके ख्यालों से ये अल्फाज़ निकले
तो ऐ खुदा इस दुनिया के हम काफिर ही भले


Devils of Love

When they Dance on the heart
Their aim is right on the dart
Devils of Love leave you shattered
Your life is just disorganized & battered

Devils of Love don't do that good
In their Naked Dance off the hood
They create the scene of agony
Making you their poor pony

They dance on your heart beat
Making your pulse to feel the heat
They never heed to your need
They make you to resort to weed

Devils of Love do that dance
They don't leave you any chance
They just use their deadly knife
To knock off pieces of your life


Devils of Love leave you shattered
Your life is just disorganized & battered
Dance of Devils of Love is mess
Making your life a board of Chess

Devils of Love do that dance
They don't leave you any chance
They dance on your heart beat
Making your pulse to feel the heat

Thursday, April 19, 2012

जीवन नवरस



जीवन  नवरस को गूंथ कविता का एक प्रयास -

रणक्षेत्र में जा वीर बना मैं 
देखा द्वेष का रूप वीभत्स
मौत का देख रोद्र तांडव
पीड़ा से हुआ ह्रदय करुण
हास्य से होकर विमुख
भक्ति का अपनाया रुख
अदभुत अनुभूति हुई तब
श्रृंगार से मिला वात्सल्य सुख जब

Gods of War

Gods of War looming around
The world standing still on its ground
Why is human race so profound
Why is hatred spread all around

Why is mankind living to hate
Why they don't open their heart's gate
Why do we realize only when it's too late
Where did love disappear in all this hate

Where is the peace hiding from us
Where are the prayers of peace lost
Where to find the miracle to save the world
How do we save our future to be with us

How do we spread peace with our might
How do we work to end this agony and plight
How do we tell them the wrong and the right
When the Gods of War are looming in sight

When would they hear the far cry and haul
When would they learn not to be an owl
When would they learn to share their bowl
What would make them to stop the crawl

What in the world would help set the peace
What would help Gods of war to be silent a piece
What would make them realize beauty of life
Who will be the first to throw the dagger and knife

If Gods of war are looking around
Are the Gods of peace sleeping on ground
Why doesn't the peace prevail for ever
When would mankind learn to hate never

Just Like You Loved me never

Just like you loved me never
I would love you for ever
It was so easy for you
It was routine & nothing new

You spoke to me with a pointed finger
Your words worked like a sharp ringer
You shut me from your life
Cut the cord with a bitter knife

How easy was it for you to quit
How calmly your each word fit
How lonely those blames made me
How shocking your points were to me

Disoriented is my life from the event
I fell like gazing the Pasture from pavement
Never thought you would be so rude
Never thought you would turn such a brute

But am happy to see your true colors 
Am glad that you did open cusses shower
Though I couldn't stand your verbal attack
It it shatter your good image of stack

All the while I had been thinking
I loved a nice gal was my feeling
But the day you departed from sight
I got to know what you did or what you might

I would pray for your happiness through life
I would pray you do become someone's wife
I would pray that God don't give you back
What you left for others on their life's rack

Just like you loved me never
I would love you for ever
You should get what you deserve
Happiness shouldn't be your reserve

Wednesday, April 18, 2012

Life's Another Chance

Heading to sleep in the night
I was much relieved & relaxed
Never felt so calm ever before
For the time I remember in past

Never knew when I drifted to sleep
To meet my life in my dream
It's not so often that I dream
And it's rare that I meet my life

But life was there talking to me
Telling me about the chances I got
Life hugged me tight in her arms
Told me I love to be your all the time

I asked for what she deceived me
Why is she behaving as my destiny does
Told her I missed her for the days gone by
Told her to be with me till I meet my love

Life asked me why do I fear for her
She is just not going away from me
She would be mine for the world to know
We got another chance to live in love

आसिम-ऐ-इख्लास

इश्क-ऐ-वफ़ा से वो रूबरू ना हुए कभी
और हमसे माने वफ़ा के पूछे जाते हैं
रूह से अपनी किसी को चाह ना सके वो
और हमसे मोहब्बत के माने पूछे जाते हैं

एतबार वो खुद का ना कर सके ता उम्र
और हमें माने एतबार के समझाए जाते हैं
तसव्वुर-ऐ-दर्द हमारा ना सुन सके कभी
और हमसे ही अपनी तकलीफ बयाँ किये जाते हैं

हमारे दीदार को खुद बेचैन रहते थे वो
अब हमें ही बदनाम किये जाते हैं
खुद इश्क के पैगाम कहलाते थे हमसे
अब हमें आसिम-ऐ-इख्लास कहे जाते हैं

इश्क-ऐ-वफ़ा से वो रूबरू ना हुए कभी
और हमसे माने वफ़ा के पूछे जाते हैं
एतबार वो खुद का ना कर सके ता उम्र
और हमें माने एतबार के समझाए जाते हैं

तेरी बद्दुआ और मेरी दुआ

तुम कहे जाते हो हमें दगाबाज़
तुम कहे जाते हो हमें बेदर्द
कहाँ का ये इन्साफ है कहो ज़रा
कि तुम्हारी नज़र का ना हो ये धोखा

कहा गर तुमने हमें बेवफा
तो सिला है ये तुम्हारी ही मोहब्बत का
कहा गर तुमने हमें बेगैरत
तो जान-ऐ-हुस्ना है ये तेरी ही बद्दुआ

जाना है गर तुझे अपनी मंजिल की और
तो ले जा तू हमसे दुआएँ ता उम्र की
गर  जीना है तुझे किसी और के संग
तो ले जा तू हमसे हमारी जिंदगी


ना तू कभी हमारी थी ना हो सकी
तो  तेरी बद्दुआ का हम क्या करेंगे
जब तू ही ना मिली हमें ऐ हंसी
तो  तेरी यादों का हम क्या करेंगे

गर गुजारिश कर सके कबूल
तो ना कर बेज़ार अपनी मोहब्बत को
बद्दुआएँ बहुत दे चुकी तू हमें
कि  कुछ दुआएँ हमारी कर कबूल

Heart's Cry

When I loved someone, the way I do
I went all the miles to show my love
I thought I will do anything
To win her heart and get her in my life

I guess I was too mean and tried hard
To find her turn her back to me
I lost the sight and resorted to fight
The fight that lead me to death

But death also betrayed me
Just like my trusted friend did
I was all at loss and wondering
For what wrong did I do

Why couldn't I change her heart
Why couldn't I win her love
When I knew she would go
Why did I fall in love

I knew it from when it began
She might hurt me some day
I knew the day would come
I knew it could kill me

Still I loved her the way I did
I let her be the one she is
I loved her the way I do
Forgetting the pain & agony

At the end of the journey
I just not broke my heart
I lost all my might to love
I lost all my sight to life