Sunday, July 3, 2016

क्या तेरा खोया है?

खोया सा आज तेरा दिल है
खोये खोये से हैं तेरे शब्द 
खोयी खोयी सी ये निगाहें 
क्या तेरे सनम आज खोये हैं 

किस तरह तुझे आज ढूंढे 
कि  आज तेरा वज़ूद ही ग़ुम है
निगाहों में दिखता एक सवाल है 
कि आज तेरी ज़िन्दगी ही ग़ुम है 

किस राह की तुझे तलाश है
किस राह खोया है तेरा सनम
किस राह अटका तेरा दिल है 
क्यों आज चुप तेरी जुबां है?

कुछ बोल तू इन खामोश निगाहों से 
कुछ बोल तू इस खामोश जुबां से 
कि किस राह तेरा सनम खोया है 
कि किस कारण तेरा वज़ूद खोया है?

No comments: