Thursday, July 28, 2016

कहानी हम जैसों की

कहते इसे कहानी घर घर की हैं 
इसमें ना कोई अपना है ना पराया 
पाना हर कदम पर तुमको धोखा है 
यही बस इस कहानी का झरोखा है 

कोई किसी का नहीं है यहाँ 
सारे अपने आप से ही जूझ रहे 
किसी को नहीं है समय यहाँ 
सारे अपने ही ग़मों से लड़ रहे 

कहते हैं इसे कहानी हर घर की 
इसमें ना मैं हूँ कहीं ना तुम हो 
पर है ग़मज़दा ज़िन्दगी इसमें 
जिंदाई जो हम और तुम जीते हैं 

हर किसी को चाह है यहाँ कुछ पाने की 
नहीं चाहता गर कोई तो वो है देना 
नहीं चाहता गर कोई तो वो है खोना 
फिर चाहे खुद भी इनसे कुछ मांग ले 

यह है कहानी घर घर की 
कहते हैं इसे कहानी हर घर की 
नहीं हैं इसमें हम और तुम
फिर भी यह कहानी है हम जैसों की॥ 

Monday, July 4, 2016

कहने को बहुत कुछ था

कहने को बहुत कुछ था 
मगर वो सुन नहीं पाये 
आये थे मेरे दर पर मिलने 
मगर मिल नहीं पाये 

हमने सोचा कि गुफ्तगूं करेंगे 
मगर फिर खामोश ही रह गए 
कहने को बहुत कुछ था 
मगर वो सुन नहीं पाये 

अंदाज़ वो अपने अब देखते हैं 
आईने में अब खुद से छुपकर 
जुबां पर उनके लफ्ज़ आते हैं 
कहते हैं वो अब खुद से छुपकर 

कहने को जो कुछ था 
हलक में ही रहा गया 
वो आये थे मेरे दर पर 
मगर अश्कों से मेरे बह गए 

एक अजनबी से आये थे मिलने
दर पर मेरे वो लड़खड़ाते 
सेहरा के भीगी रेत पर 
मेरे ही अश्कों से ढह गए 

कहने को बहुत कुछ था
मगर दर्द की तन्हाइयों सा खो गया 
आये थे वो मुझे कुछ कहने सुनने
मगर अश्कों से मेरे बह गए 

Sunday, July 3, 2016

दूर निकल आए हैं

दूर निकल आए हैं -२
हम तेरी चाहत में
नहीं अब दिखती खुदाई 
तेरी नज़रों की जुदाई में 

दूर निकल आए हैं -२
हम तेरी निगाहो में
नहीं मिलती राह अब हमें
तेरी अपनी निगाहों में 

कहीं क़ाफ़िला निकल कोई
कहीं चाहत का जनाज़ा
रूखसत हुए आज कुछ
कुछ को मिला नया ज़माना

दूर निकल आए हैं -२
हम अकेले तेरी चाहत में
नहीं दिखती अब खुदाई भी
तेरी नज़रों की जुदाई में -२

क्या तेरा खोया है?

खोया सा आज तेरा दिल है
खोये खोये से हैं तेरे शब्द 
खोयी खोयी सी ये निगाहें 
क्या तेरे सनम आज खोये हैं 

किस तरह तुझे आज ढूंढे 
कि  आज तेरा वज़ूद ही ग़ुम है
निगाहों में दिखता एक सवाल है 
कि आज तेरी ज़िन्दगी ही ग़ुम है 

किस राह की तुझे तलाश है
किस राह खोया है तेरा सनम
किस राह अटका तेरा दिल है 
क्यों आज चुप तेरी जुबां है?

कुछ बोल तू इन खामोश निगाहों से 
कुछ बोल तू इस खामोश जुबां से 
कि किस राह तेरा सनम खोया है 
कि किस कारण तेरा वज़ूद खोया है?

ओम नमो गणपतये नमः

परब्रह्म रुपम देवम 
प्रणाम है देव नित्यम
रूप प्रखर धार कर
वक्रतुंड लंबोदरम
दान दे आज धरा को
विघ्नकर्ता पाप का विनाश कर
उथ्थान कर मानव का
मानवता को प्रखर कर
गणपति गणेश गजनरेश 
शिव महिमा का है लम्बोदर
आज इस धरा पर प्रचार कर 
अपनी शक्ति से हे परब्रह्म 
तू मानवता को सद्बुद्धि दे 
ओम नमो गणपतये नमः 

जय जय है जगदंबे

जय जय है माँ दुर्गे 
जय जय है जगदंबे
तेरा ही आज मैं जप करूँ
तेरी ही आज में आरती करूँ
तज मोह आज संसार का
मैं तेरी ही अब भक्ति करूँ

जय जय है जगदंबे
जय जय है मात भवानी
अनुकंपा तेरी बस बनी रहे
जीवन में तेरी शक्ति रहे
सांसारिक मोह त्याग कर
मैं अब तेरी ही भक्ति करूँ 

जीवन में अब तेरी ही भक्ति रहे
संसार पर तेरी ही अनुकंपा रहे
अब में साँझ सवेरे
तेरी ही माला जपता रहूँ
सांसारिक मोह को त्याग कर
अब तेरी ही मैं भक्ति करूँ 

हे शिव

प्रखर प्रचण्ड त्रिनेत्र आज 
हे शिव तू अपना खोल दे 
पापमुक्त कर धरा को 
मनुष्य को तू तार दे 

बहुत हलाहल पी चुकी धरा 
आज तू अपना त्रिशूल धार ले 
हाला जीवन की बहुत पी चुका
अब तू मानव को तार दे 

प्रखर प्रचण्ड त्रिनेत्र अपना 
हे शिव आज तू खोल दे 
अर्धमूर्छित इस धरा को 
आज तू पापमुक्त कर तार दे  

Depth

Such is the depth of your love
Such is the depth of your affection
Such is the intensity of your feelings
That it draws me out of lost hope

Such is the depth of your words
Such is the depth of your thoughts
Such is the depth of your messages
That it draws me out of lost thoughts

Such is the depth of your call
Such is the depth of your voice
Such is the depth of your looks
That it draws me out of lost routes

Such is the depth of you love
Such is the depth of your voice
Such is the depth of your words
That is draws me away from death!!

Lost

Lost are the thoughts and words
As if scared to be chopped by swords
Broken are the life's cords
As if chopped off by the swords

Ink has dried with the heat
such that
I had to use my blood
To give shape to words

So scared is life today
as if 
There is no hope left
For 
Happiness has been lost to theft

Such is the state of mind
It seems to have lost of kind
Such is the state of heart
that
It has lost that love cart

अल्पविराम

कलम आज भीगी है अश्रुओं से
पत्तों की तरह बिखरे हैं विचार 
अल्पविराम सा लग गया है जीवन में 
अर्धमूर्छित हो चला है मष्तिस्क 

ह्रदय में आज बसी है जीवनहाला
जीवन भी भटक गया है
हर राह अंधकारमय है 
हर ओर छा रहा अँधियारा 

कलम से आज निकल रही अश्रुमाला
पी रहा आज मैं अपनी ही जीवनहाला
अर्धचंद्र सा ग्रहण लगा है जीवन में 
हर ओर छा रहा अंधियारा 

विस्मय में डूबा, बैठा मैं हलाहल से घिर 
नहीं दिखाई देता मुझे अब कुछ कहीं
ह्रदय में आज इतनी है जीवनहाला
कि सूर्य भी अर्धमूर्छित सा दिख रहा 


Until Death Do Us Apart

Thee are the center of my life
and
I shall live for thee
Until death do us apart

Walking with thee is my destiny
and
I shall walk the distance
Until death do us apart

Be it the happiness of life
or
Be it the saddest of experience
I shall live to see thy smile

You are my life's destiny
I shall live to see
Thee happy and always smiling
Until death do us apart