Friday, September 30, 2016

शुक्राना बद्दुआ का

बद्दुआ में भी तो शामिल है दुआ
तो क्या हुआ तुमने हमें बद्दुआ दी
कहीं तुम्हारे जेहन में दुआ के वक़्त
इस काफ़िर का नाम तो शुमार हुआ

कि ज़िन्दगी भर की बद्दुआओं में
इस काफ़िर का नाम लेकर
अपनी इबादत में ऐ ख़ुदा
देने वाला मेहरबाँ तो हुआ

गर दुआओं में मेरा नाम ऐ खुदा
तेरे इल्म में ना आया कभी
तो शुक्रगुज़ार हूँ मैं उनका
जिन्होंने बद्दुआ में नाम शुमार किया

कि ऐ खुदा, किसी बद्दुआ से ही सही
कभी तूने इस काफ़िर को देखा तो होगा
देखा तूने ही होगा कि नाचीज़ क्या है
देखा तूने ही होगा कि क्या देना है।।

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