Tuesday, December 18, 2012

खुराफात

दिन आज निकला है कुछ अजीब 
भूल सा गया हूँ मैं अपनी तहज़ीब 
दिल करता है कुछ ऐसा करूँ 
कि साथ तेरे कुछ खुराफात करूँ 

अपनी मशरूफियत में तू मुझे भुला ना दे 
आज मैं कुछ हरक़त ऐसी करूँ 
दिल में तेरे जज्बा मेरा बना रहे 
आज मैं खुराफात कुछ ऐसी करूँ 

ना जाने किस पल में आज तू चली 
जाने किस पल आयेगी तू मेरी गली 
पर है जिस पल तू साथ मेरे 
उस पल, दिल कहता है मैं खुराफात करूँ 

भूल दुनिया की हर तहजीब 
आज मैं खुराफात करूँ 
भुला दुनिया की हर रीत 
दिल करता है मैं खुराफात करूँ।।

1 comment:

ankahe alfaz said...

Sir in one line I would say.... "I am impressed "