अनजान हम सफर सिफर का तय कर रहे थे
कुछ लम्हात उनसे दूर जी रहे थे
वक़्त के दरिया में हम जिंदगी जी रहे थे
ना था कोई गिला ना जिंदगी से कोई शिकवा
तन्हाई के आलम में हम सबर कर रहे थे
कहीं बादलों से घिरे बरसात को तरस रहे थे
ना वो रहे साथ हमारे ना उनके ख्याल
कि अब तो यादों के दरमियाँ ही
हम हर पल उनका अहसास कर रहे थे
हर सूं दिखाई देती थी सूरत उनकी
कि दिल के किसी कोने में
वो अब भी बसर कर रहे थे
मशरूफ वो थे, खुशियों के दामन में
मशरूफ थे हम भी, तन्हाई के आलम में
ज़िंदगी से बेखबर हम जिए जा रहे थे
उनकी खुशियों के छलकते पैमाने देखे जा रहे थे
यकीन न था हमें कि कभी हम उनसे रूबरू होंगे
ना था पता कि हम उनके अलफ़ाज़ सुनेंगे
उस शाम भी कुछ हाल-ऐ-दिल ग़मगीन था
फिजा थी रूहानी फिर भी दिल परेशान था
हुआ हमें कुछ एहसास उस लम्हे का
कि उनके लफ्ज़ कानो में हमारे, हमसे कुछ कह गए
सामने वो खड़े थे हमारे शायद
हम उनका अक्स समझ वहाँ से गुज़र गए
अनजान हम सफर सिफर का तय करते गए
हर शाम तन्हाई के आलम में जिए गए
जिन लम्हों में जब उनसे हम मिला करते थे
उन्ही लम्हात में हम उनसे दूर चले गए
मशरूफ वो थे, खुशियों के दामन में
मशरूफ थे हम भी, तन्हाई के आलम में
ज़िंदगी से बेखबर हम जिए जा रहे थे
उनकी खुशियों के छलकते पैमाने देखे जा रहे थे
यकीन न था हमें कि कभी हम उनसे रूबरू होंगे
ना था पता कि हम उनके अलफ़ाज़ सुनेंगे
उस शाम भी कुछ हाल-ऐ-दिल ग़मगीन था
फिजा थी रूहानी फिर भी दिल परेशान था
हुआ हमें कुछ एहसास उस लम्हे का
कि उनके लफ्ज़ कानो में हमारे, हमसे कुछ कह गए
सामने वो खड़े थे हमारे शायद
हम उनका अक्स समझ वहाँ से गुज़र गए
अनजान हम सफर सिफर का तय करते गए
हर शाम तन्हाई के आलम में जिए गए
जिन लम्हों में जब उनसे हम मिला करते थे
उन्ही लम्हात में हम उनसे दूर चले गए
1 comment:
That moment
We were able to determine the unknown way cipher
Some were living away Lmhat
Into the river while we were living life
No regrets no regrets in life was not right
We were able to tolerate loneliness Alam
Surrounded by clouds and rain were dying to go anywhere
It is not our right to their care
Over that now only memories
We appreciate every moment they were
Soon the show was all seeming
In a corner of the heart
He was still living busy they are, at the foothill of happiness we were busy, the loneliness of Alam oblivious to life we were going to live to see the happiness scale were Clkte was not sure that we ever face them would not you know that we will hear their Alfajh anything recently that evening - AI - was disconsolate heart was Fiza Ruhani was really the heart of the moment that we realize that his word in our ears, some of us were saying they were standing in front We probably went through there, we understand the spitting image strange way we were set to zero every evening Alam loneliness have lived in the moments when we met him we have drifted away in her Lmhat
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