Sunday, June 11, 2017

करना है दंभ का संहार

शिव की प्रतिमा बन बैठा हूँ 
आज हलाहल पीकर 
भस्मासुर को मैं वर दे चुका 
आज अपनी धुनि रमाकर 

समय अब पुकार रहा मुझे 
है पुकार धुनि तजने की 
रच मोहिनी अवतार एक बार 
करना है भस्मासुर पर वार 

शिव की प्रतिमा बन बैठा हूँ 
देकर भस्मासुर को मैं वर
हलाहल भी पी चुका जीवन मैं 
अब है धुनि तजने की पुकार 

तांडव में रचा है अब जीवन मेरा
करना है दंभ का संहार  
करने को भस्मासुर पर वार 
रचना है अब मोहिनी अवतार 



1 comment:

Anonymous said...

नाम वही, काम वही लेकिन हमारा पता बदल गया है। आदरणीय ब्लॉगर आपने अपने ब्लॉग पर iBlogger का सूची प्रदर्शक लगाया हुआ है कृपया उसे यहां दिए गये लिंक पर जाकर नया कोड लगा लें ताकि आप हमारे साथ जुड़ें रहे।
इस लिंक पर जाएं :::::
http://www.iblogger.prachidigital.in/p/best-hindi-poem-blogs.html