Sunday, May 28, 2017

ज़िन्दगी के फलसफे

ज़िन्दगी से जो मिला वो गम ना थे
कुछ गर वो थे तो लम्हों के तज़ुर्बे
सीने से लगाया जिन्हें वो गम ना थे
कुछ गर वो थे तो तमन्नाओं के जनाजे

तसव्वुर से थे वो लम्हे हमारे
जिन्हें हमने बुना था तमन्नाओं के सहारे 
तजुर्बों ने हमको दिखाई ऐसी असलियत
कि गमों से लगा ज़िन्दगी का हर सबक 

ज़िन्दगी ने कुछ दिया गर हमको
था वही एक सबक गम समझे जिसको
गले से गर कभी लगाना है कुछ भी
तो समझो पहले ज़िन्दगी के फलसफे को

ज़िन्दगी से जो मिला वो गम ना थे
कुछ गर वो थे तो लम्हों के तज़ुर्बे
सीने से लगाया जिन्हें वो गम ना थे
कुछ गर वो थे तो तमन्नाओं के जनाजे

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