Wednesday, June 18, 2014

रुदन

रुदन है ह्रदय में, हाहाकार है मची
आज इस संसार में है तेरी कमी
मंशा क्या है जीवन में तेरी
कि आज रुदन से है जीवन में कमी

प्रयासरत हैं तेरी प्रसन्नता के
किन्तु नहीं ज्ञात तेरी मंशा
रुदन का ही स्वर है उत्तर आज
हर ओर है रुदन का ही अस्तित्व

खोज रहे हैं रुदन में जीवन
कि रुदन से है आज जीवन प्रलय
रुदन है ह्रदय में, हाहाकार है मची
चीत्कार में नष्ट हो रही श्रृष्टि



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