Friday, June 29, 2018

सफलता के साधक

क्या तुम सोचते हो क्या चाहते हो 
कभी किसी कदम पर क्या पाते हो 
जीवन के पथ पर किस और जाते हो 
हर पल जो करते हो वही पाते हो 

अथक प्रयन्त कभी निरर्थक नहीं होते 
फल की आशा से कभी स्वप्न नहीं बुनते 
निरंतर प्रयास ही सफलता का साधन हैं 
असफलता के द्वार कभी आस नहीं छोड़ते 

कथनी से करनी बड़ी होती है 
अभी करनी को कथनी के सुपर्द नहीं करते 
निरर्थक मान प्रयन्त कभी अधूरे नहीं छोड़ते 
कभी किसी के प्रयत्नों का अपमान नहीं करते 

क्या तुम चाहते हो क्या पाते हो 
जीवन के पथ पर किस और अग्रसर होते हो 
निष्चय यह तुम्हारे प्रयत्न करते हैं 
कभी प्रयत्नों को अधूरा नहीं छोड़ते 

कथनी को करनी पर कभी हावी नहीं करते 
अपनी सोच को कभी ऋणात्मक नहीं करते 
अग्रसर होना है यदि जीवन में 
असफलता के द्वार पर कभी आस नहीं छोड़ते 

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