Tuesday, November 25, 2014

परिणय की वर्षगाँठ

प्रतीत होता है जैसे कल की ही बात है
वही कल जब तुमसे भेंट हुई थी
वही कल जब हम मिले थे
प्रतीत होता है जैसे कल की ही बात है

किन्तु समय का पहिया घूम रहा था
समय का चक्र अपनी गाती पर था
जो बात कल की प्रतीत होती है
आज उसको २ बरस हो गए हैं

प्रतीत होता है जैसे कल की ही बात है
आज फिर वही दिन है 
किन्तु दो बरस के अंतराल के बाद
हमारे मिलन की आज दूसरी वर्षगाँठ है

प्रतीत होता है जैसे कल की ही बात है
किन्तु आज साथ दो बरस का अनुभव है
दो बरस तुम्हारे साथ के
दो बरस हमारे परिणय के

आज फिर वही दिन है, फिर वही बेला  
जब तुम मेरी जीवनसंगिनी बनी थी
आज हमारे परिणय को दो बरस बीत गए
किन्तु प्रतीत होता है जैसे कल कि ही बात है

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