Wednesday, May 21, 2014

तेरी यादें

उडी जो जुल्फें तेरी
मदहोश कर गईं
मिली जो नज़रें तेरी
गुमराह हमें कर गईं

सांसों की तेरी महक
हमारी तन्हाई ले गई
लबों पर थिरकती मुस्कराहट
हमें दिवाना कर गई

ना अब दिल को चैन है
ना रूह को है आराम
यादें तेरी बन एक जज्बा
हमारा इम्तिहान ले गई

2 comments:

Asha Joglekar said...

यादें ऐसी ही होती हैं।

निवेदिता श्रीवास्तव said...

यादें ईश्वर की दुआ सी लगती हैं ....