Wednesday, June 26, 2013

It ain't Raining

Heart is full of agony
and I want to cry
but it ain't raining
without its a clear sky

Pain is searing my heart
on seeing sorrow's cart
and I want to cry
but it ain't raining

Tears are swelling inside
and am trying to keep them aside
from rolling down my eyes
for it ain't raining

How bad I want to cry 
but it ain't raining
Pain is searing my heart
but it ain't raining

Heart is full of agony
that's searing my heart
and I want to cry
but it ain't raining

नहीं आसां दर्द से बचना

नहीं आसां है दर्द से गुज़रना
नहीं आसां है दर्द से बचना
ये ढूंढ ही लेता है तुमको 
आशियाँ जहां भी हो तुम्हारा

समंदर की लहरों में 
आसमां में उड़ते परिंदों से
काएनात के हर कोने में
दर्द तुम्हे ढूंढ ही लेता है

घरोंदा कितना भी हंसीं बनाओ
इश्क में चाहे जितने भी डूब जाओ
नहीं आसां है दर्द से बचना
कि दर्द तुम्हें कब्र में भी ढूंढ लेता है||

Sunday, June 23, 2013

वर्षा ने धरा पर संहार किया

कारे बदरा कारे मेघा
बरसे ऐसे अबके बरस
घाटी में वो नीर बहा,
जन जीवन हुआ नष्ट
देवों की घाटी थी वो,
जहां वर्षा ने संहार किया

हजारों के प्राण लिए,
लाखों को बेघर किया
अबके बरस मेघा ऐसे बरसे
धरा पर नरसंहार हुआ
जो वर्षा करती थी धरा का श्रृंगार
उसने ही नरसंहार किया

प्रकृति का प्रकोप कहें इसे
या कहें मानव का लोभ
केदार के धाम में भी
अस्त व्यस्त हुआ जीवन
घाटी थी वो देवों की
जहां ये संहार हुआ

प्रकृति से कर खिलवाड़
मानव ने विनाश किया
चहुँ और हाहाकार मची थी,
पर मानस था लाचार
जल से जो जीवन चलता है,
उस जल की ही वो भेंट चढ़ा

अबके बरस मेघा ऐसे बरसे
 कि जैसे प्रकृति की कोपदृष्टि
छोड़ देवालय को
नष्ट हुआ सारा प्रांगण
प्रकृति का ये क्रोध ही था
किया जो तुमने खिलवाड़

काट वृक्षों को बना जलाशय
घर अपना तुम भरते गए
फिर अतिवृष्टि से जो जल बरसा,
उस जल में तुम बह गए
क्यों रुदन अब करते हो,
जब अपनी ही कृति से नष्ट हुए

जो वर्षा करती थी धरा का श्रृंगार
 उसने ही संहार किया
अबके बरस कुछ ऐसे बरसे मेघा
कि हर ओर जन जीवन नष्ट हुआ
अपनी कुकरनी से मानव पर
प्रकृति के कोप का प्रहार हुआ


जाने क्यों नहीं लगता ये दिल

जाने क्यों, जाने क्यों, नहीं लगता ये दिल
जाने क्यों नहीं गुजरता है अब दिन
राते लगती हैं सदियों सी लम्बी
जाने क्यों थम सा गया है ये वक़्त

कुछ वो दिन थे जो लम्हों से बहे
अब वो दिन हैं सदियों से लम्बे
जाने क्यों नहीं लगता कहीं अब ये दिल
जाने क्यों ढूँढता है ये वो पल

हर पल हर घडी ढूँढता है तुम्हे
बिन तुम्हारे ये भटकता है हर गली
जाने क्यों है ये बेचैन बिन तुम्हारे
जाने क्यों दुन्धता है तुम्हें ये हर पल

जाने क्यों, जाने क्यों नहीं लगता ये दिल
बिन तुम्हारे ना जाने यों बावरा है ये दिल
जाने क्यों नहीं गुजरते अब ये दिन
जाने क्यों लगती नें सदियों सी ये रातें

जाने क्यों, जाने क्यों, जाने क्यों||

Saturday, June 22, 2013

तुझसे प्यार है

गर कभी सुनो आह मेरी
तो समझना मुझे तुमसे प्यार है
गर कभी जुबां खामोश हो
तो समझना मुझे तुमसे प्यार है
गर मैं दर-ओ-दीवार को देखूं
तो समझना मुझे तुमसे प्यार है
गर रात में चाँद को देखूं
तो समझना मुझे तुमसे प्यार है
इश्क की अपने मैं क्या दास्ताँ कहूँ
कि मुझे तुमसे बेइन्तेहाँ प्यार है
ज़िन्दगी के हर पल में जो तू है
हर उस पल हर लम्हे से मुझे प्यार है
ज़िन्दगी में बस तेरा साथ मैं चाहूँ
कि मुहे हर पल सिर्फ तुझसे ही प्यार है
ज़िन्दगी के बुझते दिए को
बस तेरा ही इंतज़ार है||

Friday, June 21, 2013

प्रकृति का तांडव

कर आँखें नम नाम दे रहे भगवान् को
मानव की गलती से अंत हुआ मानव का
प्रकृति का कर विनाश
प्रकृति को ही कोस रहे
जब जीना है गोद में प्रकृति की
तो जियो उसकी सुन्दरता में
विकृत गर करोगे प्रकृति को
तो होगा प्रलय सा विनाश ही
तांडव में प्रकृति के
मिलाप होगा काल से ही
ग्रस्त अपनी ही करनी के हुए हो
फिर प्रकृति को क्यों कोस रहे||

Sunday, June 16, 2013

तुझसे जुदा हूँ पर तन्हा नहीं

तुझसे जुदा तो हूँ मैं पर तन्हा नहीं हूँ
यादों में तेरी इस कदर मै डूबा हूँ
ना गम-ऐ-तन्हाई की फुर्सत है मुझे 
ना तेरे जुदा होने का कोई गिला
तुझसे जुदा तो हूँ पर तन्हा नहीं
आलम-ऐ-तन्हाई से रूबरू नहीं हुआ
तेरी यादों के समंदर में इस कदर मैं डूबा
कुछ मंजर इस कदर बने जान-ऐ-मन
कि तेरी तस्वीर का आगोश मुझे मिला
तुझसे जुदा तो हूँ पर तन्हा नहीं
तेरे साए के आगोश में हर रात गुजारी है'
तन्हाई से जब से हमने मुंह फेरा है
तेरी जुल्फों का आसरा लिए जिए हैं
मोहब्बत से जब से हमने नाता जोड़ा है
रात-ओ-सहर तेरी ही यादों में डूबें रहते हैं
तुझसे जिदा तो हैं पर तन्हा नहीं हैं
तन्हाई  भी इस कदर अब रुसवा है मुझसे
करती है शिकवा वो तेरी ही यादों का
आलम-ऐ-मोहब्बत में जो हम परवान चढ़े
तेरी ही यादों को हम अपने साथ ले बढे
तुझसे जुदा तो हूँ मैं पर तन्हा नहीं
हर लम्हा हर पल तुझसे ही जुडा हूँ मैं||

Saturday, June 15, 2013

पिता कहने का अवसर दो

क्यों तू मुझे मारे, हूँ मैं तेरा ही अंश
मेरे कारण ही चलते हैं ये वंश
बेटी, बहन, पत्नी, माँ बन मैं रहती
घर आँगन को मैं रोशन करती

ना मार मुझे तू, हूँ मैं तेरा ही अंश
मार मुझे ना बन तू एक कंस
बन कली तेरा ही आँगन महकाऊँगी
मीठी अपनी बोली तुझे मैं सुनाऊँगी

क्यों तू चाहे मुझे मारना
कौन देता है तुझे ऐसी प्रेरणा
बाबुल मेरे ना मार मुझे 
नन्ही परी हूँ मैं तेरे आँगन में

सुनती हूँ जब मैं ताने माँ की कोख में
डर जाती हूँ अपनी बली चढ़ने से
ना मरो मुझे, मुझे जनम लेने दो
तुमको पिता कहने का मुझे अवसर दो 

बेटा चाहिए तुमको अगर
तो बन बेटा सारी जनम सेवा करूंगी
तुम्हारी हर चिंता मैं बाँट लूंगी
सारा जनम तुम्हारे सुख पर वार दूँगी

बेटी हूँ तो क्या हुआ
अंश तो मैं तुम्हारा ही हूँ
मारो मत मुझे, बस मुझे जीने दो
कली बन तुम्हारे आँगन में महकने दो||



माँ मुझे जीने दे

क्या बिगाड़ा है मैंने तेरा
मैंने तो तेरी कोख है बसाई
क्यूँ हूँ मैं कष्ट तेरा
मैंने तो तेरी पदवी बढाई

क्यूँ तू चाहे मुझे मारना
क्यूँ सहूँ मैं ये प्रतारणा
बन मैं तेरी परछाई जी लूंगी
हंस मैं तेरे बोल सह लूंगी

ना मार मुझे मेरे जनम से पहले
मेरी इतनी तो तू सुन ले
तेरे कामों में मैं हाथ बटाऊँगी
तेरे दुखते पैर मैं दबाऊँगी

मुझे तू जीने दे, जनम मुझे तू लेने दे
तू मुझे जग में आने का अवसर तो दे 
जगा तू ममत्व अपना मेरे लिए
ना मार मुझे तू किसी के सुख के लिए

मैं बन सुख तेरा तुझे गीत सुनाउंगी
तेरे हर दुःख में साथ तेरा निभाउंगी
मुझे तू बस जनम ले जग में आने दे
जीने दे माँ मुझे, मुझे बस जनम लेने दे|| 


Wednesday, June 12, 2013

ज़िन्दगी ऐ ज़िन्दगी

ज़िन्दगी ऐ ज़िन्दगी ना जा
हो के यूँ रुसवा हमसे ना जा
साथ हमारा छोड़ के ना जा
कि तेरे बिन क्या है ये जहाँ
साथ मेरा छोड़ के ना जा

बेरूख है ये ज़माना ना जा
बेदर्द है ये समां ना जा
सुख से गए हैं अश्क मेरे ना जा
कि बिन तेरे लम्हात कैसे बीतेंगे
साथ मेरा छोड़ के ना जा

बिन तेरे तडपे हम हर पल
बिन तेरे तरसे हम हर पल
ना जा तू यूँ मुख मोड़ के
ना जा यूँ दिल तोड़ के
ना जा यूँ बेसहारा छोड़ के||

Here I am to say - I love you

When you hear the footsteps approaching
When you hear the door bell ring
Close your eyes to tell yourself
It's me who is walking to you

When you hear the phone ringing
When you hear the call from postman
Feel it deep in your heart
It's my message that's coming

Here I am writing for you
Here I am telling you 
I love you
Here I am waiting
to see you

When you hear that knock on the door
When you hear the wind whistling its way
When you hear the melody of birds chirping
Close your eyes to hear me say
I love you

Here I am counting moments
to see you
Here I am writing all the way
I love you
Here I am to say
I love you...

Points to Ponder

Why life seems to be so small
Why it drives us to the wall
Why is mind stuck with a nail
When love can help us sail

Why we keep counting the moments
Why the world pours those comments
When we can leave life in peace
Where the struggle can cease!!