कान्हा तेरी बांसुरी सुना
अपने लड़कपन की कहानी सुना
कहाँ गोपियों संग तू खेला बिरज में
कहाँ माखन चुराई तूने गोकुल में
कहाँ तूने बालपन बिताया
कान्हा तेरी बांसुरी सुना
अपने लड़कपन की कहानी सुना
अवतरित जो हुआ तू द्वापर में
कहाँ तुने अपना बालपन बिताया
कहाँ तुझे मैया ने आँचल में छुपाया
काल कोठारी में तू हुआ प्रकट
लांघ जमुनाजी तुझे द्वारिका पहुँचाया
सुना आज अपनी बांसुरी से
अपने बालपन की कहानी आज सुना
कान्हा तेरी बांसुरी सूना
आज अपने समय की कहानी दोहरा
लड़ असुरों से गोकुल बचाया
मार कंस को तूने मथुरा को पाया
चला चक्र सुदर्शन धरा को पाप विमुक्त कराया
अपनी धुन में ये कहानी सूना
कान्हा अपनी बांसुरी से अपनी कहानी सुना
तेरे योवन की आज तू कहानी सुना
रुक्मिणी से अपनी प्रेम की गाथा सुना
बना जो अर्जुन का तू सारथी
आज वो कहानी महाभारत की सुना
कान्हा आज तू अपनी कहानी सुना
अपनी बांसुरी के मद्धिम सुरों से
तू द्वापर की अपनी गाथा सुना
कान्हा तू अपनी बांसुरी सूना
अपने जीवन की तू गाथा सूना||