गर तू अपने होंठों से मदिरा पिलाए तो मैं पी लूँ
कि तेरे हाथों से में बहुत मदिरा पी चुका
गर तू अपने लबों से पिलाए तो मैं पी लूँ
कि तेरी आखों से मैं बहुत पी चुका
गर भर अधर का प्याला पिलाए तो मैं पी लूँ
कि तेरे केसुओं की लटों से मैं बहुत पी चुका
ऐ साकी गर पिला सके तो अपने आगोश में भर पिला
कि बैठ मदिरालय मैं बहुत पी चुका
No comments:
Post a Comment